लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (रिटा.) को PVSM, एयर मार्शल एमएस बुटोला (रिटा.) को AVSM, कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर उत्थान सिंह पुंडीर, कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर अवनीश पांडे, सूबेदार किशन सिंह (कुमाऊं रेजीमेंट) और सिपाही राहुल रैंसवाल को मरणोपरांत सेना मेडल (वीरता) देने का ऐलान हुआ है।
शौर्य, वीरता, साहस और उत्तराखंड एक ही शब्द के पर्यायवाची हैं। देश सेवा उत्तराखंड की परंपरा रही है। यही वजह है कि उत्तराखंड को सैन्यधाम भी कहा जाता है। हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों में उत्तराखंड के कई सपूत शामिल हैं।
हवा में विमान के दौरान ईंधन भरने के दौरान एक बड़ी घटना को अपनी सूझबूझ से टालने के लिए IAF के स्क्वाड्रन लीडर विवेक गैरोला को वायु सेना मेडल से नवाजा गया है। उन्होंने पिछले साल जून 2020 में एक मिशन के दौरान हवा में ईंधन भरते अपने सुखोई-30 एमकेआई (Su-30MKI) फाइटर प्लेन को नाजुक स्थिति से सुरक्षित बाहर लाने के कारनामे को अंजाम दिया। इसके लिए उन्हें वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने विमान की सुरक्षित लैंडिंग की। विवेक गैरोला चार विमानों के लीडर और ट्रेनर कैप्टन हैं। उन्हें 900 घंटे का उड़ान अनुभव है।
Squadron Leader Vivek Gairola (in file pic) conferred the Vayu Sena Medal (Gallantry) for safely bringing out his Su-30MKI fighter plane from a critical situation during mid-air refuelling and landing it back safely during a mission in June last year. pic.twitter.com/5PukxeViaY
— ANI (@ANI) January 25, 2021
दरअसल पिछले साल जून महीने में गैरोला को रात में एयर टू एयर ईंधन भरने वाली उड़ान के लिए अधिकृत किया गया था। ऐसा करते समय ईंधन भरने वाली ड्रग विमान के अगले हिस्से के नीचे चली गई थी। इससे विमान ने जोर का झटके और कंपन का अनुभव किया। इसके बाद विमान ने फ्लाइ बाय वायर की विफलता की चेतावनी देनी शुरू कर दी। इस चुनौती से प्रभावित हुए बिना स्क्वाड्रन लीडर गैरोला ने उत्कृष्ट उड़ान कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, चालक दल प्रबंधन और साहस का प्रदर्शन किया और विमान को सुरक्षित जमीन पर उतार लिया।
इन वीरों को भी रक्षा अलंकरण
इस बार रक्षा अलंकरण से सम्मानित होने वालों में सैन्य सचिव रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (रिटा.) को परम विशिष्ट सेवा मेडल, डीजी मेडिकल सर्विसेज (एयरफोर्स) एयर मार्शल एमएस बुटोला (रिटा.) को अति विशिष्ट सेवा मेडल शामिल हैं। इसके अलावा कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर उत्थान सिंह पुंडीर, कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर अवनीश पांडे, सूबेदार किशन सिंह (कुमाऊं रेजीमेंट) और सिपाही राहुल रैंसवाल को मरणोपरांत सेना मेडल (वीरता) देने का ऐलान हुआ है।
इसके अलावा पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई मोहन लाल रतूड़ी को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है। शहीद मोहनलाल 1988 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके परिवार में पत्नी सरिता, तीन बेटियां और दो बेटे हैं।
यह भी देखें – ले. जनरल अनिल भट्ट को PVSM और एयर मार्शल एमएस बुटोला को AVSM सम्मान
डीआईजी कैलाश नेगी को तटरक्षक मेडल
वहीं सराहनीय सेवा के लिए तटरक्षक बल में डीआईजी के पद पर कार्यरत कैलाश नेगी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तटरक्षक मेडल प्रदान किए जाने को मंजूरी दी है।
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गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल वीरता पुरस्कारों का ऐलान होता है। 72वें गणतंत्र दिवस पर 455 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा अलंकरणों का अनुमोदन किया है। इनमें एक महावीर चक्र, 05 कीर्ति चक्र, 05 वीर चक्र, 07 शौर्य चक्र, 04 सेना मेडल – बार (वीरता), 130 सेना पदक (वीरता), एक नौ सेना पदक (वीरता), 04 वायु सेना पदक (वीरता), 30 परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), 04 उत्तम युद्ध सेवा पदक (यूवाईएसएम), 51 अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम), 11 युद्ध सेवा पदक (वाईएसएम), 03 सेना मेडल – बार (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 43 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) दो कोविड योद्धा शामिल, 08 नौ सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 14 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 03 विशिष्ट सेवा मेडल – बार (वीएसएम) एक कोविड योद्धा और 12 कोविड योद्धा सहित 131 विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) शामिल हैं।
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P.B.Manian
January 27, 2021, 10:30 pmExcellent
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