आईपीएस अनुराग अग्रवाल को मिली संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी

आईपीएस अनुराग अग्रवाल को मिली संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी

आईपीएस अनुराग अग्रवाल को संसद सुरक्षा का प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति का आदेश लोकसभा सचिवालय ने जारी किया है। वर्तमान में सीआरपीएफ में महानिरीक्षक असम-मेघालय कैडर के 1998 बैच के अधिकारी को तीन साल के लिए संयुक्त सचिव (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है। जेएस (सुरक्षा) का पद पारंपरिक रूप से एक आईपीएस अधिकारी के पास होता है।

संसद भवन परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब आईपीएस अधिकारी अनुराग अग्रवाल के जिम्मे होगी। उन्हें लोकसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव (सुरक्षा) बनाया गया है। एक नोटिफिकेशन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की ओर से उनकी नियुक्ति की जानकारी दी गई। 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग अग्रवाल इस समय सीआरपीएफ में आईजी के पद पर हैं इसके अलावा वह नार्थ ईस्ट पुलिस अकादमी के निदेशक भी हैं। अभी उनकी पोस्टिंग नॉर्थ ईस्ट सेक्टर के शिलॉन्ग में है। अनुराग अग्रवाल को अब अगले तीन साल के लिए संसद की सुरक्षा का जिम्मेदारी सौंपी गई है।

अनुराग अग्रवाल ने बोंगाईगांव, करीमगंज, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, कार्बी आंगलोंग जैसे कई जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया है। अपने 26 साल के करियर में उन्होंने क्राइम कंट्रोल से लेकर कानून-व्यवस्था के रखरखाव, काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन की योजना और एक्जीक्यूशन पर फोकस किया है। आईपीएस अनुराग अग्रवाल कई सफल उग्रवाद विरोधी ऑपरेशनों का हिस्सा रहे हैं। उन्हें डीजीपी प्रशस्ति पदक, आंतरिक सेवा सुरक्षा पदक, विशेष कर्तव्य पदक, वीरता के लिए पदक, वीरता के लिए पुलिस पदक, मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक जैसे सम्मान मिल चुके हैं।

अनुराग अग्रवाल से पहले संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी 1997 बैच के आईपीएस रघुबीर लाल संभाल रहे थे। उन्हें उत्तर प्रदेश शासन ने एडीजी सुरक्षा की नई जिम्मेदारी सौंपी है जिसके बाद वह 2 नवंबर 2023 को यूपी कैडर में वापस चले गये थे, उसके बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ था। उनके जाने के कुछ दिन बाद 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया। दो लोग तीन लेयर वाला सुरक्षा घेरा तोड़कर संसद के भीतर घुस गए थे। उन्होंने लोकसभा में रंगीन धुएं वाला स्प्रे किया। उसके बाद पहले सांसदों और फिर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। संसद के बाहर नारेबाजी कर रहे उनके दो अन्य साथियों को भी पकड़ लिया गया था। हमेशा कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहने वाली संसद में ऐसी चूक से गंभीर सवाल खड़े हुए।

अनुराग अग्रवाल की शिक्षा दीक्षा रूड़की में हुई उन्होंने 1995 में आईआईटी रूड़की से सिविल इंजीनियंरिंग की और वह दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद 28 दिसम्बर 1998 को असम मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी बने। वह जल्द ही संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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