भारत-तिब्बत सीमा पर इनर लाइन परमिट लेकर भ्रमण करना होगा आसान

भारत-तिब्बत सीमा पर इनर लाइन परमिट लेकर भ्रमण करना होगा आसान

उत्तराखंड की सीमाएं भारत चीन बॉर्डर से लगती हैं। यहां पर नेलांग और जादुंग गांव मौजूद हैं, जो बॉर्डर विलेज हैं। ये गांव साल 1962 के भारत चीन युद्ध के समय खाली करा दिए गए थे। लिहाजा, इन गांवों को दोबारा बसाने की कवायद की जा रही है।

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत इन गांवों को फिर से आबाद करने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड में दरअसल, भारतीय नागरिकों को भी देश के कुछ संरक्षित क्षेत्र में जाने के लिए परिमिशन की जरूरत पड़ती है। इसी परिमिशन को इनर लाइन परमिट कहते है। इनर लाइन परमिट के जरिए ही पर्यटकों को उन क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिए यात्रा करने की अनुमति मिलती है। उत्तराखंड में इनर लाइन परमिट वाले क्षेत्रों की बात करें तो चीन सीमा से लगे जिले जैसे पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के कुछ इलाके ऐसे है, जहां जाने के लिए भारतीयों को भी इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में भ्रमण के आवेदन की प्रक्रिया अब सरल हो जाएगी।

जिला प्रशासन की पहल पर इनर लाइन परमिट के आवेदन के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की जा रही है। जिसके लिए प्रशासन की ओर वेबसाइट तैयार की गई है। जिसका शीघ्र सुचारू संचालन शुरू किया जाएगा। इसके बाद सीमा क्षेत्र में भ्रमण के इच्छुक पर्यटक घर बैठे सुगमता से इनर लाइन परमिट के लिये आवेदन कर सकेंगे। चमोली जनपद में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में माणा पास, रिमखिम पास और नीती पास मौजूद हैं, जो नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर होने के साथ ही धार्मिक आस्था के केंद्र भी है। ऐसे में इन क्षेत्रों के भ्रमण के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में राज्य और देश के अनेकों पर्यटक व श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सीमा क्षेत्र होने के चलते यहां पहुंचने के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है।

इसके लिए वर्तमान तक ऑफ लाइन आवेदन करना होता था। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवेदन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन आवेदन की प्रक्रिया को ऑन लाइन सुविधा से जोड़ने का कार्य किया है। जिससे पर्यटक और श्रद्धालु अब घर बैठे ही इनर लाइन पास के लिए आवेदन कर सकेंगे. सीमावर्ती क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था के केंद्रों में से एक है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक होने के कारण यहां पहुंचने के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक होती है। इस पहल से पर्यटकों को न केवल आवेदन प्रक्रिया में सुविधा होगी, बल्कि उन्हें मौसम और सड़कों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी, जिससे उनकी यात्रा और भी सुरक्षित और सुखद हो सकेगी।

प्रशासन ने कहा कि इस ऑनलाइन प्रणाली को जल्द ही पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी, जो लंबे समय से इस क्षेत्र का भ्रमण करना चाहते थे लेकिन ऑफलाइन परमिट प्रक्रिया की कठिनाइयों के कारण योजना नहीं बना पा रहे थे। प्रशासन ने कहा कि इस ऑनलाइन प्रणाली को जल्द ही पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी, जो लंबे समय से इस क्षेत्र का भ्रमण करना चाहते थे लेकिन ऑफलाइन परमिट प्रक्रिया की कठिनाइयों के कारण योजना नहीं बना पा रहे थे। उत्तराखंड के चमोली जिले की माणा और नीति घाटी के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी सीमा दर्शन यात्रा शुरू होने की आस जग गई है।

लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this