किसान मेले में जैनुल की दुधारू भैस रहीं सर्वोत्तम पशु

किसान मेले में जैनुल की दुधारू भैस रहीं सर्वोत्तम पशु

विश्वविद्यालय में चल रहे चार-दिवसीय किसान मेले के तीसरे दिन आज पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय के प्रांगण में पशु-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पशुपालकों ने अपने पशुओं का प्रदर्शन किया। इस पशु-प्रदर्शनी में जैनुल पुत्र डा. सलीम, किच्छा, की दुधारू भैस को सर्वोत्तम पशु घोषित किया गया जिसे विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने रिबन बांधकर सुशोभित किया। इस पशु प्रदर्शनी में कुल 84 पशु सम्मिलित हुए।

इस प्रदर्शनी में दुधारू भैस वर्ग में जैनुल का भैस; गाभिन भैस वर्ग में भूरा की भैस; कटरा वर्ग में मो. इस्माइल का कटरा; देशी बछिया वर्ग में भुपेन्द्र भारती की बछिया; देशी दुधारू गाय वर्ग में दीपक पाण्डे की गाय; संकर गाभिन गाय वर्ग में डा. सलीम की गाय; संकर दुधारू गाय वर्ग में विजय की गाय एवं बकरी बच्चा वर्ग में कुमारी रूकसाना, बकरा वर्ग में सुरेन्द्र कुमार तथा बकरी वर्ग में कृष के पशु प्रथम स्थान पर रहे। देशी बछिया वर्ग में रफीक की बछिया; देशी दुधारू गाय वर्ग में डी.एन. कुशवाहा की गाय; संकर गाभिन गाय वर्ग में तस्लीम एवं निषान्त सिंह की गाय द्वितीय स्थान पर रहे।

इस पशु-प्रदर्शनी के संयोजक, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा, डा. ए.एच. अहमद एवं सह संयोजक डा. एस.सी. त्रिपाठी, डा. जी.एल. सिंह, डा. आर.के. शर्मा, डा. राजीव रंजन एवं विद्यार्थियों में चिराग एवं ज्योति थे। निर्णायक मण्डल में डा. शिव प्रसाद मौर्य, डा. बी.एन. साही, डा. आर.एस. बरवाल एवं डा. अनिल कुमार थे। इस कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेंसी के विद्यार्थियों ने सहयोग दिया। इस अवसर पर कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने विद्यार्थियों को पशुओं की अच्छी नस्ल के बारे में सुझाव दिये। कार्यक्रम के अंत में पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य संबंधित किट एवं मिनरल मिक्चर निःशुल्क बांटे गये।

पंतनगर किसान मेले में विश्वविद्यालय के बीजों की बिक्री जारी

पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले में आज तीसरे दिन भी किसानों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलों के बीजों की खरीद जारी रही। किसानों द्वारा मेले में विश्वविद्यालय के फसल अनुसंधान केन्द्र, प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र, विश्वविद्यालय फार्म तथा एटिक स्टालों से प्रथम से तृतीय दिवस के दोपहर तक लगभग 17 लाख 40 हजार रूपये के विभिन्न रबी फसलों के बीजों की खरीद की गयी। इसके अतिरिक्त औषधीय एवं संगंध पौध अनुसंधान केन्द्र, आदर्श पुष्प वाटिका, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र तथा मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के स्टालों से लगभग 1 लाख 80 हजार रूपये के बीज व पौधों की बिक्री की गई। साथ ही एटिक व प्रकाशन निदेशालय के स्टालों से लगभग 45 हजार रूपये के प्रकाशनों की बिक्री की गई। किसान मेले विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों पर किसानों द्वारा भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की गयी।

कुलपति द्वारा किसानों को पावर टिलर वितरित

अखिल भारतीय मक्का अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति उप परियोजना कार्यक्रम में किसानों को पावर टिलर का वितरण विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान के करकमलों द्वारा समृद्धि कृषक उत्पादक सहकारी समिति गदरपुर एवं प्रगतिशील कृषक उत्पादक सहकारी समिति काशीपुर के कृषकों को वितरित किया गया। कुलपति ने किसानों से गर्मी के धान के विकल्प के रूप में बसन्तकालीन मक्का को अपनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा. दिलीप गोसाई ने मक्का से साईलेज बना कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की अपील की। इस अवसर पर मक्का परियोजना के समन्वयक डा. आर.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक शोध डा. पी.के. सिंह, निदेशक प्रसार डा. जितेंद्र क्वात्रा, मुख्य महाप्रबंधक विश्वविद्यालय फार्म डा. जयंत सिंह एवं डा. अजय प्रभाकर ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अधिकारी एवं किसान उपस्थित रहे।

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