लाइट, कैमरा, एक्शन… फिल्म प्रोडक्शन में है दिलचस्पी या अंदर छिपा है कोई अदाकार तो हो जाओ तैयार

लाइट, कैमरा, एक्शन… फिल्म प्रोडक्शन में है दिलचस्पी या अंदर छिपा है कोई अदाकार तो हो जाओ तैयार

पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड मूल के कई कलाकारों ने फिल्म और टीवी की दुनिया में नाम कमाया है। इसके पीछे का एक अहम कारण यह है कि उनसे पहले की पीढ़ी ने शहरों का रुख कर लिया था। लेकिन उत्तराखंड से निकलकर सीधे फिल्मों में सफलता पाने वालों की बात करें तो शायद नामों को उंगलियों पर गिना जा सकता है।

कोरोना काल में हुआ लॉकडाउन पहाड़ के वीरान होते गांवों के लिए कैसे ‘वरदान’ बना, इसकी कई कहानियां सामने आ चुकी हैं। अपने घरों को लौटे प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा है, जो अब यहीं रहना चाहता है, यहीं कुछ करना चाहता है। इसमें कुछ अकुशल मजदूर हैं तो कुछ कुशल कामगार। एक तीसरा हिस्सा भी है…ये वो टैलेंट पूल है, जिसमें अपने हुनर के दम पर देश के दूसरे हिस्सों में चमक बिखेरी और अब अपने घर, अपने गांव, अपने प्रदेश के लिए कुछ करना चाहता है।

उत्तराखंड को फिल्म फ्रेंडली स्टेट का दर्जा बड़े अदब के साथ मिला है। यहां फिल्म निर्माण के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है। चाहे वह सिल्वर स्क्रीन के लिए बन रही फिल्में हों या ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए बनने वाली वेब सीरीज। उत्तराखंड एक फेवरेट डेस्टीनेशन के रूप में उभरा है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड मूल के कई कलाकारों ने फिल्म और टीवी की दुनिया में नाम कमाया है। इसके पीछे का एक अहम कारण यह है कि उनसे पहले की पीढ़ी ने शहरों का रुख कर लिया था। लेकिन उत्तराखंड से निकलकर सीधे फिल्मों में सफलता पाने वालों की बात करें तो शायद नामों को उंगलियों पर गिना जा सकता है।

अब अगर कहें कि क्या उत्तराखंड के लोग फिल्में नहीं बना सकते, तो एक जवाब जरूर सुनने को मिलेगा, फिल्में बनाना बहुत खर्चीला काम है और फिल्मों में काम मिलना किस्मत की बात है। यही धारणा उत्तराखंड की युवा प्रतिभाओं को फिल्म लाइन में करियर बनाने से रोकती है। कुछ प्रतिभाशाली अगर किसी तरह मुंबई पहुंच भी गए तो वर्षों तक संघर्ष करने के बाद थक-हार कर कोई छोटी मोटी नौकरी करने लगते हैं। यानी फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड के युवाओं के लिए अब भी बहुत दूर है।

अब दूसरा सवाल, अगर फिल्म मेकर्स खुद यहां चले आएं तो? संभवतः यही वो रास्ता है, जिसका इंतजार उत्तराखंड का युवा कर रहा है। यही सोच लेकर लेखक-निर्देशक कंचन पंत मुंबई से उत्तराखंड लौटी हैं। जो लोग रेडियो सुनते हैं, उनके लिए कंचन पंत का नाम नया नहीं है…। कंचन की गिनती नए दौर के बेहतरीन कहानी लिखने वालों में होती है। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट की मूल निवासी कंचन पंत कई साल से मॉस मीडिया से जुड़ी हैं। उन्होंने न्यूज चैनल एनडीटीवी में एक पत्रकार के तौर पर अपना करियर शुरू किया। इसके बाद वह मुंबई चली गईं। पिछले 8 साल से रेडियो-टीवी लेखन से जुड़ी हैं। कई लोग उन्हें ‘यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिश्रा’ में लिखी कहानियों से जानते हैं।

लेखक और क्रिएटिव हेड के तौर पर कंचन पंत ने रेडियो के कई लोकप्रिय कार्यक्रमों का संचालन किया है। वो बिग एफएम, रेड एफएम, सावन आदि के लिए 350 से अधिक कहानियां और सोनी और जीटीवी के लिए पटकथाएं लिख चुकी हैं। लड़कियों की शिक्षा के लिए यूनिसेफ के लिए तैयार किए गए उनके एक कैंपेन की चर्चा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हुई है। कंचन कहती हैं कि इंडस्ट्री में फिल्म मेकिंग को लेकर एक परसेप्शन बना हुआ है, जिससे नए और प्रतिभाशाली लोग उस तरफ जाने की हिम्मत नहीं करते। उनका मानना है कि प्रतिभा, लगन और एक-दूसरे का साथ देने का जज़्बा हो तो फिल्में बनाना इतना भी मुश्किल नहीं है।

कंचन इन दिनों अपनी कंपनी ZeroShots की पहली फिल्म के प्री-प्रोडक्शन में व्यस्त हैं। आगे की योजनाओं के बारे में वह बताती हैं कि उनकी कोशिश है कि लोग उत्तराखंड की खूबसूरती, यहां की संस्कृति, यहां की मुद्दों को फिल्मों में दिखें और प्रदेश को शूटिंग की लोकेशन के तौर पर वो जगह हासिल हो, जो कभी कश्मीर को मिली थी। इसके अलावा वह हर फिल्म में यहां के युवाओं को फिल्म के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में ट्रेनिंग देना चाहती हैं ताकि आने वाली फिल्मों में वही युवा ZeroShots के साथ व्यावसायिक तौर पर जुड़ सकें। उत्तराखंड में फिल्म मेकिंग से जुड़े लोगों, लेखक, सिनेमैटोग्राफर, एडीटर, गायक, संगीतकार और कलाकारों से कंचन ने अपनी इस मुहिम से जुड़ने और साथ मिलकर फिल्में बनाने का आह्वान किया है।

1 comment
Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

1 Comment

  • Yashodhar Dabral
    November 10, 2020, 10:18 pm

    बधाई।
    उत्तराखण्ड के हम जैसे कलाकारों के लिए एक अच्छा मौका लेकर आने के लिए।

    REPLY

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this