अपने समय पर ही खुलेंगे चारों धामों के कपाट, दर्शन ऑनलाइन ही कर सकेंगे

अपने समय पर ही खुलेंगे चारों धामों के कपाट, दर्शन ऑनलाइन ही कर सकेंगे

चारों धामों के कपाट हर वर्ष की तरह खोले जाएंगे। पूजा-अर्चना में रीति रिवाज का पूरा पालन किया जाएगा। अग्रिम आदेशों तक यही व्यवस्था रहेगी। फिलहाल चारधाम में श्रद्धालुओं को आने की इजाजत नहीं होगी। ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था की जा रही है।

उत्तराखंड की विश्वविख्यात चार धाम यात्रा शुरू होने में एक पखवाड़े से कम का समय शेष रह गया है। लॉकडाउन के तीन मई तक आगे बढ़ जाने के बाद इस बार कपाट खुलने के समय तीर्थयात्री इन धामों तक नहीं पहुंच सकेंगे। हालांकि चारधामों गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट निर्धारित तिथियों पर तय मुहूर्त में खुलेंगे। उत्तराखंड सरकार ने साफ किया कि मौजूदा हालात को देखते हुए चारधाम में किसी प्रकार की भीड़ नहीं होगी। तय तिथियों पर चारधाम के कपाट खुलने पर वहां परंपरागत ढंग से पूजा-अर्चना होगी, जिसे सीमित संख्या में पुजारी संपन्न कराएंगे। फिलहाल चारधाम यात्रा नहीं होगी, अलबत्ता वीडियो अथवा टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोग चारधाम के दर्शन कर सकेंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

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सबसे पहले, 26 अप्रैल को 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। उधर, यमुनोत्री के कपाट भी अक्षय तृतीया पर्व पर 26 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.41 बजे खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम में कपाट 29 अप्रैल को सुबह छह बजकर 10 मिनट में खोले जाएंगे। बदरीनाथ मंदिर के कपाट 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4.30 बजे पर खुलेंगे।

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अधिकारियों से मंथन के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया कि चारधाम के कपाट निर्धारित तिथियों पर खुलेंगे और वहां पूजा-अर्चना पारंपरिक ढंग से होगी। हालांकि, यह कार्य सीमित संख्या में पुजारी संपन्न कराएंगे, लेकिन इसमें सभी परंपराओं ध्यान रखा जाएगा। चारधाम के ऑनलाइन दर्शनों के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, उसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ एवं गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक, कपाट हर वर्ष की तरह खोले जाएंगे, पूजा-अर्चना में रीति रिवाज का पूरा पालन किया जाएगा। अग्रिम आदेशों तक ये व्यवस्था रहेगी। फिलहाल चारधाम में श्रद्धालुओं को आने की इजाजत नहीं होगी। आगे जैसी भी स्थिति होगी, उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा।

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बदरीनाथ और केदारनाथ के रावल इन दिनों दक्षिण भारत में हैं। इस पर बोर्ड के सीईओ ने कहा कि कपाट खुलने के अवसरों पर रावल की मौजूदगी के प्रयास किए जाएंगे। यदि किसी कारणवश वे नहीं आ पाते हैं तो उन्हें वीडियो या ई-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूजा में शामिल कराने का प्रयास किया जाएगा। बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में होने वाली पूजा-अर्चना को वीडियो या टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लाइव या ऑनलाइन किया जाए। इससे लोग बदरीनाथ व केदारनाथ के दर्शन ऑनलाइन कर सकेंगे।

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