उत्तराखंड से अब तक कुल 2174 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1868 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 37 मामलों में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली, जिनमें नौ ठीक हो चुके हैं और 28 मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 273 मामलों में जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है।
क्या उत्तराखंड में अगले कुछ दिन में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका है? यह सवाल सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उस बयान के बाद उठा जिसमें उन्होंने कहा है कि आने वाले तीन-चार दिन प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनमें उत्तराखंड में कोरोना के संक्रमण से जुड़ी सभी आशंकाएं सामने आ जाएंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। दरअसल, प्रशासन द्वारा जिन कोरोना संदिग्धों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, उनमें से ज्यादातर की रिपोर्ट दो-तीन दिन में आ जाएगी। इस सैंपलों में ज्यादातर तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं। 14 अप्रैल तक 273 मामलों में जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री रावत ने भी कहा है कि सैंपलों की जांच रिपोर्ट से यह पता चल सकेगा कि प्रदेश में आने वाले समय में संक्रमण की स्थिति क्या रहेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में भी अब तीन मई तक लॉकडाउन रहेगा। आने वाले दिनों में जितना संयम, सतर्कता व अनुशासन का पालन करेंगे, उसका उतना ही फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन का समय बढ़ाने के निर्णय का अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा। इससे कोरोना की रफ्तार में काफी हद तक कमी आएगी। हालांकि प्रदेश के लिहाज से भी आने वाले तीन-चार दिन बेहद अहम हैं।
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उत्तराखंड में मार्च के बाद आने वाले जमातियों का लगातार पता लगाया गया। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने जमातियों को सख्त चेतावनी दी कि वे खुद ही सामने आएं अन्यथा उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा भी किया जा सकता है। सूबे के पुलिस मुखिया की चेतावनी का असर हुआ और देहरादून, हरिद्वार में बड़ी संख्या में जमाती सामने आए। वहीं इसके अलावा प्रशासन की टीमों ने गांव-गांव जाकर मुस्लिम बहुल इलाकों में लगातार सैंपल एकत्रित किए। अधिकांश जमातियों के सैंपल जांच को भेजे जा चुके हैं। अब आने वाले दिनों में इन्हीं सैंपलों की रिपोर्ट आनी है। प्रदेश सरकार की नजरें इसी रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। जानकारों की मानें तो आने वाले तीन-चार दिनों में कोरोना के संदिग्धों की रिपोर्ट भी आ जाएगी। यही कारण है कि सरकार कोरोना संक्रमण के लिहाज से आने वाले दिनों को बेहद अहम मान रही है।
उत्तराखंड में पांच दिन से कोई कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया था। मंगलवार को राज्य में दो और लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। ये दोनों लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं। दोनों हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं। इनमें से एक लक्सर और दूसरा भगवानपुर क्षेत्र का है। कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। राज्य में मंगलवार को 159 सैंपल की रिपोर्ट मिली है, इनमें 157 निगेटिव और दो केस पॉजिटिव हैं। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के 37 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से नौ लोग स्वस्थ हो चुके हैं। खास बात यह है कि दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती दो जमातियों को मंगलवार को ही डिस्चार्ज किया गया है। इनमें एक पंजाब और एक मध्य प्रदेश का रहने वाला है।
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स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती के मुताबिक, जिन 157 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, उनमें सबसे अधिक हरिद्वार से भेजे गए 62 सैंपल हैं। दो पॉजीटिव केस भी इसी जिले से हैं। वहीं उत्तरकाशी से 35, देहरादून से 24, नैनीताल से 18, ऊधमसिंहनगर से 12 और अल्मोड़ा एवं चमोली से भी एक-एक सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। निजी पैथोलॉजी लैब में चार सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि राज्य से अब तक कुल 2174 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1868 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 37 मामलों में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली, जिनमें नौ ठीक हो चुके हैं और 28 मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 273 मामलों में जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है।
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14 अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 439 कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीज विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। 53,300 लोग होम क्वारेंटाइन और 1818 लोग संस्थागत क्वारेंटाइन में रखे गए हैं। इधर, मंगलवार को 146 सैंपल कोरोना जांच के लिए लैबों में भेजे गए हैं, इनमें देहरादून से सबसे अधिक 56 सैंपल भेजे गए हैं। वहीं हरिद्वार से 36, नैनीताल से 19, उत्तरकाशी से 16, ऊधमसिंहनगर से 10, बागेश्वर से चार और अल्मोड़ा से एक सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। प्रदेश के कोराना संक्रमण के लिहाज से अभी तक सेफ जोन में माने जाने वाले नौ जिलों में छूट के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर निर्णय केंद्र सरकार द्वारा भेजी जाने वाली गाइडलाइन के बाद ही लिया जाएगा।
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