मेजर जनरल स्मिता और ब्रिगेडियर अमिता को मिलेगा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल सम्मान

मेजर जनरल स्मिता और ब्रिगेडियर अमिता को मिलेगा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल सम्मान

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के डाडामंडी क्षेत्र की डुंडेख गांव की मूल निवासी दो सगी बहनों मेजर जनरल स्मिता देवरानी और ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को 22 जून को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार (National Florence Nightingale Award) प्रदान किया जायेगा यह पुरस्कार उन्हें क्रमशः वर्ष 2022 और वर्ष 2023 के लिये दिया जायेगा।

मेजर जनरल स्मिता देवरानी और ब्रिगेडियर अमिता देवरानी ने अपनी सेवा के लिए समर्पित होकर कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का अनुकरणीय निर्वहन किया है। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार हर साल भारतीय नर्सिंग परिषद द्वारा विभिन्न श्रेणियों की नर्सों को प्रदान किया जाता है, जिसमें वे पूरे देश से आवेदन आमंत्रित करती हैं और प्रत्येक श्रेणी में कुछ पुरस्कारों का चयन करती हैं। यह पुरस्कार समारोह 22 जून को राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जायेगा।

नागालैंड के प्रमुख सचिव पद से सेवानिवृत्त होकर बसंत विहार देहरादून में रह रहीं स्मिता देवरानी के चाचा डॉ. सुरेश देवरानी ने बताया कि यह पुरस्कार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई मेधावी सेवाओं के लिए मान्यता के रूप में प्रदान की जाती है। इस बार रक्षा मंत्रालय के तहत मिलिट्री नर्सिंग सर्विस से जुड़ी अधिकारियों को यह सम्मान उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया जा रहा है। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार, सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है जो एक नर्स प्राप्त कर सकती है।

उन्होंने बताया कि डुंडेख गांव के मूल निवासी शंभूप्रसाद देवरानी की तीन संतानों में सबसे बड़ी स्मिता देवरानी ने सेना में 1983 में कमीशन हासिल किया और सैन्य अधिकारी बनीं। मई, 2020 में उनकी गौरवशाली सेवाओं को देखते हुए उन्हें मेजर जनरल के पद पर प्रोन्नत किया गया। इस समय वह दिल्ली के आरआर अस्पताल में कार्यरत हैं। उनकी छोटी बहन ब्रिगेडियर अमिता देवरानी पुणे में कार्यरत हैं। जबकि सबसे छोटी बेटी नबिता देवरानी देहरादून के एक प्रतिष्ठित स्कूल में प्रधानाचार्य हैं। वह बताते हैं कि स्मिता समेत तीनों बेटियां शुरू से ही मेधावी रहीं है और उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में हुई।

मेजर जनरल स्मिता देवरानी स्कूल ऑफ नर्सिंग, सैन्य अस्पताल सिकंदराबाद की पूर्व छात्रा हैं और उन्हें 28 दिसंबर 1983 को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में कमीशन किया गया था, बाद में उन्होंने फ्लैगशिप नेवल हॉस्पिटल आईएनएचएस अश्विनी, मुंबई से मिडवाइफरी में डिप्लोमा पूरा किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया, अकादमिक उत्कृष्टता की चाह में न केवल अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और अस्पताल प्रशासन में एमबीए किया बल्कि नेशनल हेल्थकेयर एकेडमी सिंगापुर से सिक्स सिग्मा सर्टिफिकेट और गुणवत्ता नियंत्रण प्रबंधन व संक्रमण नियंत्रण तथा रोकथाम प्रबंधन में भी पढ़ाई पूरी की।

जनरल ऑफिसर एक क्रिटिकल केयर नर्स हैं और उन्होंने 1992 में सैन्य अस्पताल दिल्ली कैंट से अपनी इंटेंसिव केयर नर्सिंग स्पेशलिटी की थी और उनके नैदानिक कार्यकाल के दौरान उनके क्रिटिकल केयर नर्सिंग प्रबंधन की काफी प्रशंसा हुई थी। जनरल देवरानी ने 2006-07 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान हताहतों के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां उन्होंने मुख्य मैट्रन के रूप में काम किया था। उनका साहस उस समय सबके सामने आया, जब वह स्वेच्छा से उस टीम का हिस्सा बनने के लिए आगे आईं, जिसने कांगो में माउंट न्यारागोंगो पर चढ़ाई की। 3470 मीटर की ऊंचाई पर यह एक सक्रिय ज्वालामुखी (स्ट्रेटावॉलकेनो) है।

रणनीतिक दृष्टिकोण और उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल की गहरी समझ होने के चलते, जनरल ऑफिसर को अपने कनिष्ठों का मार्गदर्शन करने और सेवा संबंधी लोकाचार की शिक्षा देने के लिए जाना जाता है। नैदानिक अनुभव के अलावा, जनरल ऑफिसर ने विभिन्न प्रशासनिक और स्टाफ नियुक्तियों पर सेवा दी है, जैसे संयुक्त निदेशक सैन्य नर्सिंग सेवा, अनुसंधान पूल अधिकारी, एमओडी (सेना) के एकीकृत मुख्यालय में निदेशक प्रशासन, कमांड हॉस्पिटल, पुणे के प्रिंसिपल मैट्रन और मुख्यालय मध्य कमान की ब्रिगेडियर एमएनएस। प्रिंसिपल मैट्रन, सीएच (एससी), पुणे में उनके कार्यकाल के दौरान यूनिट को 2018 में एनएबीएच सेफ आई सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ। यूनिट उनके शानदार नेतृत्व में रक्षा मंत्री ट्रॉफी- सर्वश्रेष्ठ अस्पताल की प्रथम उपविजेता रही। अतिरिक्त डीजीएमएनएस का पदभार संभालने से पहले, जनरल ऑफिसर सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल संस्थान सैन्य अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) की प्रिंसिपल मैट्रन थीं।

एक जोशीली वक्ता होने के नाते, मेजर जनरल स्मिता देवरानी को 1993 में आयोजित सशस्त्र बल चिकित्सा अनुसंधान सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ वक्ता के लिए मेजर जनरल जीए राम सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। उनकी सराहनीय सेवा के लिए, जनरल ऑफिसर को 2014 में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से भी सम्मानित किया गया था। जनरल स्मिता देवरानी कई युवाओं के लिए एक आदर्श रही हैं और सशस्त्र बलों में रोगी देखभाल में उत्कृष्टता के दर्शन को स्थापित करने वाली दूरदर्शी रही हैं। वह उत्तराखंड राज्य से मेजर जनरल का पद संभालने वाली सशस्त्र बलों की पहली महिला अधिकारी हैं।

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