विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग द्वारा दो-दिवसीय कान्कलेव का समापन समारोह कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान उपस्थित थे।
इस अवसर पर कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय में आयोजित दो-दिवसीय कान्कलेव की सराहना करते हुए सभागार में उपस्थित व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने परंपरागत तकनीकों को आज के समय में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया तथा हमारी संस्कृति को विज्ञान के साथ जोड़ने की बात पर बल दिया। कार्यक्रम में सुनीता टी पांडे ने दो-दिवसीय कान्कलेव का सार बताया।
उन्होंने एशियन एग्रीकल्चर हिस्ट्री फाउंडेशन में उपलब्ध आईटीके के ग्रंथों तथा कृषि के परम्परागत तकनीकों का शोध करने के लिए प्रेरित किया। सभागार में विभिन्न राज्यों से आए हुए वैज्ञानिकों एवं प्रशिक्षकों ने 5 समूहों में बैठकर राज्य कृषि वैज्ञानिक कान्कलेव के निर्धारित पांच अहम मुद्दों (जल प्रबंधन, वनस्पति संरक्षण, पशुपालन, मृदा प्रबंधन एवं बीज प्रबंधन) पर चिंतन किया तथा उन मुद्दों पर अग्रिम समय में कार्य करने हेतु अपना लक्ष्य निर्धारित करने के लिए अपने विचार प्रस्तुत किये।
भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने सकारात्मक सोच के साथ कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवष्यकता बतायी। उन्होंने देश के युवा शक्ति को इस दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डा. एस.के. दूबे ने मुख्य अतिथि कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान को शॉल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, डा. शिवेंद्र कश्यप; निदेशक शोध, डा. अजीत सिंह नैन, डा. प्रमोद कुमार एवं डा. राजीव शुक्ला के साथ विभिन्न राज्यों से आए हुए वैज्ञानिक एवं प्रख्यात अतिथि तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन डा. एस.के. दूबे ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित प्रस्तुत किया।
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