बकीबात: बदलेगा नौकरशाही का मुखिया, साधने को शुरू हुई परिक्रमा

बकीबात: बदलेगा नौकरशाही का मुखिया, साधने को शुरू हुई परिक्रमा

उत्तराखंड में क्या है सियासी गलियारों में कानाफूसी, क्या है प्रशासन से जुड़ा अपडेट, टी. हरीश के खास कॉलम ‘बकीबात’ में जानिये…ताजा अपडेट।

  • टी. हरीश

बदलेगा नौकरशाही की मुखिया, साधने को शुरू हुई परिक्रमा

राज्य में जल्द ही नौकरशाही का मुखिया बदल जाएगा। मौजूदा चीफ सेक्रेटरी रिटायर हो जाएंगे और नए इस पद पर नियुक्त होंगे। चर्चा है कि वरीयता वाले ही इस पद पर नियुक्त होंगे। लिहाजा अब उन्हें साधने के लिए परिक्रमा शुरू हो गई है। कोई राज्य से तो कोई जिले के जरिये उन्हें साधने की कोशिश कर रहा है तो कोई भाषा से। आखिर हो भी क्यों ना, उन्हें इस पद पर लंबी यात्रा करनी है। कहा भी जाता है कि जंगल में रहना है तो शेर को सलाम करना जरूरी होता है। फिलहाल कुछ लोगों ने तो घर के नौकरों से भी जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है, तो कुछ ने करीबी और पुराने लोगों से, क्योंकि इस महीने के अंत में बदलाव होगा और अभी से परिक्रमा करनी शुरू कर ली तो मलाईदार पद भी मिल जाएगा।

कोरोना संकट हुआ लॉक तो विपक्ष हुआ डाउन

राज्य में विपक्षी दल कोरोना लॉकडाउन में डाउन हो गए हैं। हालांकि उनके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। लेकिन राज्य में इसकी आवाज नहीं सुनाई दे रही है। राज्य में फिलहाल चुनाव भी दो साल बाद होने वाले हैं। लिहाजा पंजे वाले विपक्षी दल के नेताओं में जोश नहीं दिख रहा है। जो सत्ता में रहते हुए वह दिखाते हैं। हर कोई दिशाहीन और दशाहीन है । बस विपक्षी दल एक प्रेस रिलीज छापकर अपनी खानापूर्ति कर लेते हैं। गर किसी से कहें कि भैजी सरकार के खिलाफ कुछ तो बोलो तो कहते हैं, भाई हम क्या बोले, सत्ता में रहते हुए जिन्होंने मलाई खाई वही चुप हैं, तो हम क्या बोले। हमें कुछ नहीं मिला। हमारी दशा और दिशा आपसे ज्यादा कौन जान सकता है। तभी किसी आवाज दी कोरोना संकट में विपक्षी भी डाउन हो गया है।

क्वारंटीन में कैबिनेट सुनेगा प्रवचन मंत्री का प्रवचन

पिछले तीन महीने से पूरी दुनिया चिल्ला-चिल्लाकर कह रही है कि कोरोना किसी अमीर-गरीब, छोटे बड़े, साधु संत, बाबा और प्रवचन देने वालों में फर्क नहीं करती है। लेकिन उत्तराखंड के प्रवचन मंत्री कहां किसी की सुनने वाले थे। उनके कारण पूरी कैबिनेट ही मुसीबत में आ गई। प्रवचन देने की पुरानी आदत है और जब कोई नहीं मिलता है, तो आसपास के लोगों को प्रवचन सुनाने के लिए बुला लेते हैं। उनके इस शौक के कारण पूरी सरकार कोरोना संक्रमण से बाल-बाल बची है। हालांकि प्रवचन मंत्री को क्वारंटीन में कुछ दिन के लिए कैबिनेट के भक्त तो मिल गए, जिन्हें वो अपने प्रवचनों से कोरोना से मुक्ति का मार्ग बताएंगे।

1 comment
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1 Comment

  • prashant kishore
    June 5, 2020, 10:12 pm

    बहुत बढ़िया है हिममेल का प्रयास..

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