एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर दुश्मनी पैदा करते हैं, हमें इसको लेकर सिर्फ मूकदर्शक नहीं बने रहना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक दुश्मनी का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने धार्मिक नेताओं से बात करते हुए कहा कि आप सबके कई मुरीद है लेकिन आपको मिलकर काम करना होगा। आप सभी धर्म के गुरु हैं। हम किसी को भी देश की अखंडता भंग नहीं करने देंगे। देश पिछड़ेगा तो हम सब पिछड़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा तो हम सब आगे बढ़ेंगे। हम आज की लड़ाई अपने लिए कम और आने वाली नस्लों के लिए ज्यादा लड़ रहे हैं। देश में भावना पैदा की जाए कि हम किसी को भी देश की एकता के साथ समझौता नहीं करने देंगे।
देश की राजधानी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एक इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मुख्य अतिथि थे। एनएसए डोभाल ने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर दुश्मनी पैदा करते हैं, हमें इसको लेकर सिर्फ मूकदर्शक नहीं बने रहना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक दुश्मनी का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करने की जरूरत है। हमें हर धर्म के लोगों को भारत का हिस्सा बनाना होगा और यह संदेश देना होगा कि हम हर मुकाम पर एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कई अन्य कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ काम करने की जरूरत है।
अजीत डोभाल ने कहा कि हर भारतीय मन में विश्वास करें कि वो यहां सुरक्षित है और किसी पर भी बात आएगी तो सारे उसके लिए खड़े हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कॉन्फ्लिक्ट का माहौल है अगर इससे निपटना है तो अपने देश में हमें एक रहना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारत का माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं, वे देश के बाहर भी फैले हुए और देश को प्रभावित कर रहे हैं। हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं, हमें इस पर गर्व है और यहां हर धर्म को स्वतंत्रता के साथ माना जा सकता है।
अजीत डोभाल ने कहा कि यहां अलग-अलग जगहों के धर्म गुरु आए हैं। मैं शुक्रगुजार हूं कि सूफी काउंसिल का, जिसने मुझे यहां बुलाया, बोलने का मौका दिया है, कल पता चला तो मैंने कहा कि यह बहुत अच्छी शुरुआत है। अगर हमें इसका मुकाबला करना है तो जमीन पर काम करना होगा, कोई गलतफहमी है तो दूर करनी होगी, घर-घर पैगाम ले जाना होगा कि देश हर धर्म के लिए है और इस देश की तरकी में सबका योगदान है। उन्होंने कहा कि इस माहौल को सही करने की जिम्मेदारी हम सबकी है, इसके लिए नीयत और काबलियत की जरूरत है, नीयत सबके पास है लेकिन काबलियत सबमें नहीं लेकिन आप लोगां में है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बड़ी है। हम आज की लड़ाई आज के लिए और कल के लिए लड़ रहे हैं।
एनएसए डोभाल ने कहा कि आप सबके कई मुरीद है लेकिन आपको मिलकर काम करना चाहिए, संगठन की शक्ति चाहिए। सभी धर्म के गुरु हैं। हम किसी को भी, देश की अखंडता को कुछ नहीं होने देंगे। देश पिछड़ेगा तो हम सब पिछड़ेंगे। गलतफहमियों को दूर करना होगा। हम आज की लड़ाई अपने लिए कम और आने वाली नस्लों के लिए ज्यादा लड़ रहे हैं। देश में भावना पैदा की जाए कि हम किसी को भी देश की एकता के साथ समझौता नहीं करने देंगे।
इस कॉन्फ्रेंस का संचालन करते हुए हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि देश में जब भी कोई घटना होती है तो हम सब लोग उसकी निंदा करते हैं। लेकिन अब कुछ करने की जरूरत है, हमें कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए उन्हें प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है। चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। नसरुद्दीन चिश्ती ने पीएफआई जैसे संगठनों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ऐसे कोई भी संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और देश में लोगों के बीच तनाव पैदा कर रहा हैं, तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। साथ ही देश के कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान सभी लोगों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि किसी भी चर्चा और बहस के दौरान यदि किसी भी धर्म के देवी-देवता या पैगंबरों को निशाना बनाया जाता है। तो ऐसे में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। अब कुछ करने का समय आ गया है। कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाना और उन पर प्रतिबंध लगाना समय की मांग है। अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें बैन किया जाना चाहिए।
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