कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मदद के लिए कई लोग आगे आए, लेकिन हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो बिना चर्चा में आए अपनी सैलरी और निजी बचत से गरीबों की अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं। एक ऐसे ही अधिकारी की कहानी जो सुर्खियों से दूर चुपचाप अपने मिशन में जुटा है।
कोरोना संक्रमण को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई लंबी है, खासकर तब तक जब तक कि इसकी कोई प्रतिरोधक दवा तैयार नहीं कर ली जाती या निचले तबके के लोगों तक दवा की पहुंच नहीं बन पाती। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में लोगों ने तेजी से मदद के हाथ बढ़ाए लेकिन जैसे-जैसे समय बीता मदद के लिए हो रहे प्रयासों में कमी आने लगी। भले ही कोरोना के लिए लॉकडाउन के बाद चरणबद्ध तरीके से अनलॉक हो रहा है लेकिन कोरोना के मामलों में इजाफा लगातार होता जा रहा है। अब भी एक बड़ा वर्ग है जिसे मदद की दरकार है।
ओएनजीसी एकेडमी देहरादून के निदेशक मनोज बड़थ्वाल निजी स्तर पर मदद के इसी मिशन में जुटे हुए हैं। उन्होंने लोगों को मदद करने का सिलसिला जारी रखा हुआ है। हिल-मेल से बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने बीरपुर से आगे विपासना केंद्र के पास की बस्ती में मजदूरों और गरीबों में मास्क और सैनिटाइजर बंटवाए जिससे ये लोग कोरोना संक्रमण से अपनी रक्षा कर सकें। मजदूरों की बस्ती में जाकर उन्होंने करीब 60 पैकेट बंटवाए जिसमें चावल, तेल जैसी खाने-पीने की चीजें थीं।
उन्होंने बताया कि वह अपने पैसों से उत्तराखंड के ऐसे सुदूर गावों में जहां तक रोड नहीं पहुंची है, वहां दवाइयों को भिजवाने की व्यवस्था कर रहे हैं। यह 500 से ज्यादा पैकेट होंगे और सतपुली के आगे गांवों में बांटे जाएंगे। इसमें अभी तक उन्होंने किसी से मदद नहीं ली है। हालांकि वह कहते हैं कि अगर दूसरे लोग भी साथ आना चाहें तो स्वागत है क्योंकि इससे हम और ज्यादा लोगों को मदद पहुंचा सकेंगे।
मनोज बड़थ्वाल ने बताया कि उनकी कंपनी ONGC ने कोरोना काल में जनहित में बड़ा योगदान किया है। कंपनी ने 300 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री केयर फंड में दिए और कर्मचारियों ने तीन महीने तक अपनी 1 या दो दिन की सैलरी दान की। इस तरह से भी करीब 20 करोड़ रुपये की मदद की गई। इसके अलावा कंपनी सीएसआर के तहत काफी काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि गरीबों के हित में कुछ काम अपने स्तर पर भी करने चाहिए। अगर हम आसपास में जरूरतमंदों की थोड़ी-बहुत मदद करें तो उससे बहुत फायदा हो सकता है। उन्होंने बताया कि वह गाड़ी में कुछ मास्क जरूर रखते हैं, जो भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई देता है तो वह उसे मास्क दे देते हैं।
अपने स्टाफ के अन्य लोगों से भी अनुरोध किया है कि यही समय है लोगों की मदद कीजिए। मनोज बड़थ्वाल पौड़ी जिले के जयहरीखाल के रहने वाले हैं। हालांकि उन्होंने देश के कई शहरों में नौकरी की है। वह असम, मुंबई, बड़ौदा, देहरादून में सेवाएं दे चुके हैं। वह दो साल बाद रिटायर होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उसके बाद अपने राज्य और गरीबों के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे।
4 comments
4 Comments
Ramesh kumar
September 16, 2020, 8:37 amGood job
REPLYCHAITANYA KUMAR MEHTA
September 16, 2020, 10:37 am?? My sincere appreciation for this noble, selfless work. I hope Manoj and his companions take proper care of their own safety during the campaign.
REPLYOnkar Mal
September 16, 2020, 11:42 amGreat job being done. My ? Congratulations dear MANOJ.
REPLYKamna
September 26, 2020, 6:02 pmLive example of real Humanity who believes in doing instead showing. ??
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