उत्तराखंड में अब प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज, 5 डोनर भी मिले

उत्तराखंड में अब प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज, 5 डोनर भी मिले

18 से साठ साल की उम्र वाले कोरोना से स्वस्थ लोग प्लाज्मा दे पाएंगे। मरीज के शरीर से एक यूनिट प्लाज्मा ही निकाला जाएगा। बाकी का खून दानदाता के शरीर में वापस चला जाएगा।

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य में कोरोना पॉजिटिवों का आंकड़ा 5400 के पार चला गया है। राज्य में 145 नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लोग भी कोरोना की दहशत में हैं। इस बीच, हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल से एक राहत भरी खबर सामने आ रही है, जहां अब कोरोना मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी के जरिये इलाज होगा। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में यह व्यवस्था शुरू भी हो गई है। इसके साथ ही एसटीएच राज्य का पहला हॉस्पिटल बन गया है, जहां कोरोना वायरस को मात देने के लिए प्लाज्मा थैरेपी अपनाई जाएगी। देश के कई बड़े शहरों में इस तकनीक को अपनाया जा रहा है।

 

इस बारे में जानकारी देते हुए एमएस डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि प्लाज्मा निकालने के लिए एफेरेसिस मशीन भी उपलब्ध हो गई है। कोविड प्रभारी के नेतृत्व में प्लाज्मा थेरेपी के लिए एक पूरी टीम को तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 18 से साठ साल की उम्र वाले कोरोना से स्वस्थ लोग प्लाज्मा दे पाएंगे। मरीज के शरीर से एक यूनिट प्लाज्मा ही निकाला जाएगा। बाकी का खून दानदाता के शरीर में वापस चला जाएगा। कोरोना के गंभीर लक्षण (सर्दी, जुकाम या सांस लेने में दिक्कत) होने के बाद स्वस्थ हुए मरीज प्लाज्मा दान कर सकते हैं। इनके शरीर में एंटीबॉडी काफी संख्या में बन जाती है। पर, एसिम्टोमैटिक मरीज प्लाज्मा दान नहीं कर पाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में प्लाज्मा थैरेपी से उपचार करने की अनुमति दी है। शर्त यह है कि कॉलेज प्रशासन इसके लिए आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) से अनुमति लेगा। साथ ही दूसरी सभी औपचारिकताएं भी पूरी करेगा।

फिलहाल चिकित्सालय प्रशासन ने 50 प्लाज्मा डोनरों की सूची बनाई है। इसमें पांच लोगों ने प्लाज्मा दान करने पर हामी भर दी है। कोरोना वायरस से स्वस्थ होने के 28 से 90 दिनों के भीतर कोई भी व्यक्ति प्लाज्मा दान कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति प्लाजमा डोनेट करना चाहता है तो वह सुशीला तिवारी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट कार्यालय, ब्लड बैंक या फिर डॉक्टरों से संपर्क कर सकता है।

1 comment
Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

1 Comment

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this