राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को सैल्यूट किया। उन्होंने एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि तत्कालीन सीएम आजाद ने मुझे फोन किया था और अपने परिवार के सदस्य की तरह चिंता की। एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का मैं घटनाओं और अनुभव के आधार पर आदर करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का जिक्र कर भावुक हो उठे। उन्होंने एक घटना को याद करते हुए आजाद को संसद में ही सैल्यूट किया। उन्होंने बताया कि गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।
पीएम ने कहा कि उस समय प्रणव मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। लेकिन गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे, उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करें, वैसी चिंता वो कर रहे थे।
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— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2021
इतना कहकर पीएम मोदी का गला भर आया, वह अपना संबोधन बीच में ही रोक दिए। उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। उन्होंने आजाद को सैल्यूट कर उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया। पीएम की आंखों में आंसू देख आजाद भी भावुक हो गए। उन्होंने हाथ जोड़कर पीएम को धन्यवाद किया।
पीएम ने कहा कि श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं। इन चारों सदस्यों का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है।
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