भाजपा की इस जीत के शिल्पी पीएम मोदी हैं। उत्तराखंड में महिला वोटरों ने विशेष रूप से मोदी पर भरोसा जताया। इसका परिणाम यह रहा कि विधायकों के खिलाफ नाराजगी के बावजूद भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव जीतने में सफल रही। ऐसे में राज्य की बागडोर किसे सौंपी जाएगी इसका फैसला भी पीएम मोदी ही करेंगे। फिलहाल जीतने वाले विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में हैं, इसलिए कुछ दिन और अटकलों का दौर चलता रहेगा।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित रहे। कांटेदार बताए जा रहे मुकाबले में भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की। पार्टी ने 47 सीटें जीतकर इतिहास रचते हुए सत्ता में वापसी की है। अभी तक राज्य में कोई भी सत्ताधारी दल सत्ता में नहीं लौटा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और उत्तराखंड से उनका खास लगाव एक बार फिर भाजपा की शानदार जीत का आधार बना।
शुरुआत में कोरोना के मद्देनजर चुनाव रैलियों पर पाबंदी थी। लेकिन चुनाव के अंतिम दिनों में इसमें ढील दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने आखिरी दिनों में जिस तरह से चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया, उसने भाजपा की जीत की इबारत लिख दी। अल्मोड़ा, श्रीनगर में पीएम मोदी की रैली ने ही इस चुनाव का परिणाम सुनिश्चित कर दिया। दोनों जिलों में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की।
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इस चुनाव ने राज्य में चुनाव को लेकर बने कई मिथक तोड़े लेकिन मुख्यमंत्री के चुनाव हार जाने का मिथक इस बार भी नहीं टूट पाया। खटीमा से पुष्कर सिंह धामी को कड़ी पराजय का सामना करना पड़ा। ऐसे में अब अटकलें लग रही हैं कि अगला सीएम कौन होगा। इस रेस में अनिल बलूनी, अजय भट्ट, धन सिंह रावत के नाम चर्चा में हैं। पिछली सरकार में पार्टी ने तीन सीएम दिए। ये तीनों राजपूत थे, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पार्टी इस बार किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेल सकती है। इसमें अनिल बलूनी और अजय भट्ट की दावेदारी मजबूत दिखती है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख हैं। ऐसे में मीडिया के जरिये केंद्र और राज्य सरकार के उत्तराखंड में होने वाले कामों को बेहतर ढंग से जनता के बीच में रखने का अनुभव उन्हें वरीयता देता है। हालांकि अजय भट्ट का राज्य में कई विभागों में काम करने का अनुभव है। वह जमीनी तौर पर भी काफी सक्रिय रहते हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लेकर भी अटकलों का दौर चल रहा है। वहीं विधायकों में से सीएम पद के लिए उम्मीदवार की बात करें तो धन सिंह रावत का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। संगठन पर पकड़ रखने वाले धन सिंह बेहद कड़ा मुकाबला जीते हैं, ऐसे में पार्टी उन पर भी भरोसा जता सकती है।
पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी शानदार जीत के लिए पुष्कर सिंह धामी को श्रेय दिया। ऐसे में यह भी संभव है कि पार्टी उन्हें फिर से मौका दे सकती है। अभी पार्टी किसी महिला को सीएम पद पर बिठाएगी इसकी संभावना कम ही नजर आती है। हालांकि ऋतु खंडूरी का नाम भी चर्चाओं में है।
भाजपा की इस जीत के शिल्पी पीएम मोदी हैं। उत्तराखंड में महिला वोटरों ने विशेष रूप से मोदी पर भरोसा जताया। इसका परिणाम यह रहा कि विधायकों के खिलाफ नाराजगी के बावजूद भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव जीतने में सफल रही। ऐसे में राज्य की बागडोर किसे सौंपी जाएगी इसका फैसला भी पीएम मोदी ही करेंगे। फिलहाल जीतने वाले विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में हैं, इसलिए कुछ दिन और अटकलों का दौर चलता रहेगा।
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