उत्तराखंड वीरों की भूमि है और यहां से अनेक वीर योद्धाओं ने जन्म लिया है यहां के हर परिवार से कोई न कोई सेना या अद्र्धसैनिक बल में है और वह वहां रहकर देश सेवा में लगे रहते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में मेजर जनरल मनोज तिवारी ने भेंट की। इस अवसर पर मेजर जनरल मनोज तिवारी ने कहा कि अग्निवीर भर्ती में उत्तराखंड से 4500 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है और 2000 रिक्त पदों पर भी जल्द भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाली भर्तियों में भी राज्य से अधिक से अधिक युवा प्रतिभाग कर सकें, इसके लिए राज्य और जनपद स्तरों पर कैंप लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बहुल प्रदेश है एवं हमारी सरकार द्वारा सेना को हर स्तर पर प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस मौके पर अग्निपथ योजना को लेकर दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिताजी भी सेना में थे उन्हें पता है कि सेना में काम करने वाले परिवार वालों की जिन्दगी कैसी होती है और उनके परिवार वाले हर समय एक ढाल की तरह सैनिक के साथ खड़े रहते हैं। तभी तो हर सैनिक अपने परिवार की चिन्ता किये बगैर निस्वार्थभाव से देश सेवा में लगा रहता है।
उत्तराखंड को सैनिक प्रदेश कहा जाता है। राज्य करीब 72 हजार युवा भारतीय सेनाओं में कार्यरत हैं। इसके साथ ही राज्य में 1,69,519 पूर्व सैनिक हैं। 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन देश पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था। दुर्गम पहाड़ियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय वीर सैनिकों ने जो जांबाजी दिखाई थी वो सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। इसमें उत्तराखंड मूल के सैनिकों ने भी वीरता के झंडे गाड़े थे।
इस मौके पर सीएम धामी ने मेजर जनरल मनोज तिवारी को केदारनाथ धाम का स्मृति चिन्ह भेंट किया।
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