उत्तराखंड के गौरव, प्रख्यात कवि, गीतकार एवम् वर्तमान में फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष, ‘पद्मश्री’ प्रसून जोशी को उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है। प्रसून जोशी को उत्तराखंड राज्य का ब्रांड एम्बेसर मनोनीत करने की राज्यपाल गुरमीत सिंह ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस बात की जानकारी सचिव हरीश चन्द्र सेमवाल ने दी।
अल्मोड़ा में जन्में प्रसून जोशी की शख्सियत को एक शब्द में बयां करना हो तो हरफनमौला सबसे सटीक शब्द होगा। एक बेहतरीन कवि, लेखक, पटकथा लेखक, गीतकार, सुपरहिट एडगुरू और सबसे खास एक बेहतरीन वक्ता। बेहत संयत और शब्दों के जादूगर। उनकी कलम से निकली रचनात्मकता ने हमेशा समाज को दिशा देने का काम किया है। मां-बेटे, पिता-पुत्र के संबंधों को शब्दों की जिस शिल्प से उन्होंने रचा है, वह सीधे दिल में उतर जाती है।
वह इस समय केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उन्हें कुमाऊं यूनिवर्सिटी ने डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की है। प्रसून जोशी उस बदलते भारत के लेखक हैं जिसे उनके गीत और कविताएं नई राह दिखा सकती हैं। उनके गीतों और कविताओं में गुस्सा, उम्मीद, उत्साह और बनते बिगड़ते सपने सबकुछ हैं। कविता के रूप में निकले उनके जज्बातों सीधे असर करते हैं। बेटियों के जन्म पर समाज के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने लिखा, …शर्म आ रही है ना, उस समाज को जिसने उसके जन्म पर खुल के जश्न नहीं मनाया। शर्म आ रही है ना, उस पिता को उसके होने पर जिसने एक दीया कम जलाया…।
52वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रसून जोशी को ’इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ सम्मान प्रदान किया गया। 2015 में भारत सरकार ने कला, साहित्य एवं विज्ञापन के क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया। 17 साल की उम्र में ही युवा प्रसून की पहली किताब ‘मैं और वो’ प्रकाशित हुई। गीतकार के तौर पर उन्हें पहला ब्रेक राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ से मिला। उन्होंने बहुचर्चित फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ की स्क्रिप्ट लिखी।
फिल्म ‘तारे जमीन पर’ के गाने मां के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 2013 में चटगांव के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यही नहीं, तीन बार वह सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुके हैं। लंदन में 18 अप्रैल, 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के दो घंटे 20 मिनट लंबे ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम को प्रसून जोशी ने होस्ट किया।
प्रसून जोशी के गीतों और विज्ञापनों में पहाड़, प्रकृति का विशेष स्थान रहा है। उन्होंने अपने कई गीतों और विज्ञापनों में पहाड़ का चित्रण किया, यहां के परिवेश को संजोया। प्रसून का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के दन्या गांव में 16 सितंबर 1968 को हुआ। उनके पिता डी.के. जोशी शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। उनकी शुरूआती शिक्षा गोपेश्वर और नरेंद्रनगर गढ़वाल में हुई।
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