पिछले रविवार को उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा में लापता लोगों की अब तक कोई खबर नहीं है। सुरंग में गाद हटाने में मुश्किल होने लगी तो बचाव दल ने ड्रिलिंग कर फंसे लोगों तक पहुंचने का ऑपरेशन शुरू किया है।
चमोली में तपोवन सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए अभियान अनवरत जारी है। मलबा, पानी और दलदल के रुकावट पैदा करने के बाद अब ITBP ने गुरुवार तड़के 2 बजे से ड्रिलिंग शुरू कर दी है। सुरंग में करीब 12 से 13 मीटर नीचे ड्रिलिंग की जानी है। सुबह 10 बजे तक मिले अपडेट के अनुसार बचाव दल 6.5 मीटर तक ड्रिल कर चुका है।
Rescue teams have started drilling operation to peep into the tunnel. We are presently at 6.5 meters: Uttarakhand DGP Ashok Kumar pic.twitter.com/sGn7Y2Wtzz
— ANI (@ANI) February 11, 2021
वक्त बीतने के साथ ही लापता लोगों के परिजनों की बेचैनी भी बढ़ रही है। यूपी के तो कई परिवार चमोली के लिए निकल भी चुके हैं। इस बीच, आईटीबीपी चीफ का एक बयान उम्मीद की नई किरण जगा रहा है। जी हां, एसएस देसवाल का कहना है कि ITBP की टीम को उम्मीद है कि तपोवन सुरंग के भीतर 30-35 मजदूर ढांचे में हवा के लिए संभावित छेद (सुराख) की मदद से अभी भी सुरक्षित होंगे। ऐसे में टीम ने इन लापता मजदूरों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखने का फैसला किया है। जवान इस उम्मीद के साथ दिन-रात ऑपरेशन में जुटे हैं कि फंसे लोगों को जल्द बचा लिया जाएगा।
Drilling operations started by rescue teams at 0200 AM to peep into the slush flushing tunnel 12 to 13 meters below. This is being done from the tunnel where rescue teams are presently taking out slush.#UttarakhandGlacierBurst #TapovanTunnel pic.twitter.com/OgIaHD8ILZ
— ITBP (@ITBP_official) February 11, 2021
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के प्रमुख एसएस देसवाल ने भी मीडिया से कहा है कि हमें पूरी आशा है कि हम उन्हें बचा लेंगे। मजदूरों के तपोवन सुरंग के द्वार से करीब 180 मीटर की दूरी पर होने की संभावना है।
इससे पहले आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के बचावकर्मियों की टीम ने 22-25 फुट ऊंची सुरंग के भीतर 120 मीटर तक गाद को हटा लिया है पर गाद के आने से उनके प्रयासों में दिक्कतें आने लगीं। सुरंग के भीतर कैमरा लगे ड्रोन को भी उड़ाने का प्रयास किया गया लेकिन बचाव टीम को इससे कोई मदद नहीं मिली।
पूरा देश लापता लोगों के लिए प्रार्थना कर रहा है। आज ड्रिलिंग शुरू होने के कारण अगले कुछ घंटों में अपडेट मिल सकता है।
पुल तैयार करते ITBP के जवान।
दूसरी तरफ आईटीबीपी के जवान चमोली आपदा में अलग-थलग पड़े गांवों को कनेक्ट करने के लिए झूला पुल तैयार कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल एक तरफ से दूसरी तरफ राशन पहुंचाने में किया जाएगा।
1 commentITBP troops helping in constructing jhoola bridge across disconnected villages. Visuals of efforts to prepare a jhoola bridge across Dhauli Ganga to connect village Bhangyul.#Dhauliganga #GlacierBurst #UttarakhandGlacialBurst pic.twitter.com/svJOM9BQz0
— ITBP (@ITBP_official) February 11, 2021
1 Comment
सुरंग से अब तक बचाए क्यों नहीं जा सके वो 35 मजदूर, समझिए मुसीबत कहां खड़ी है - Hill-Mail | हिल-मेल
February 11, 2021, 11:51 am[…] […]
REPLY