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उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई 2021 को कोरोना मामलों के महाविस्फोट के लिए याद किया जाएगा। मई के महीने ने उत्तराखंड के हेल्थ सिस्टम की सारी परतें उधेड़ कर रख दी। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार के प्रयास नाकाफी रहे। ऐसे में सामाजिक संगठनों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और राज्य सरकार को बड़ा संबल मिला। हंस फाउंडेशन हमेशा की तरह सबसे बड़ा योगदान देने वाला परोपकारी संगठन रहा।
READ MOREपौड़ी गढ़वाल के दूरगामी क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों को हंस जनरल अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में जो सेवाएं दे रहा हैं। कोविड संक्रमण के इस दौर में हंस फाउंडेशन अलग-अलग तरह से लोगों की मदद कर रहा है।
READ MOREउत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की कई कहानियां हैं, तीलू रौतेली से लेकर गौरा देवी तक…और पहाड़ की आर्थिक धुरी कहलाने वाली वो महिलाएं जो अपनी जीवटता के चलते मुश्किल हालात में भी पहाड़ जैसी दृढ़ता का प्रतीक हैं…। आज उत्तराखंड में महिलाएं सफलता के नए शिखर छू रही हैं। उत्तराखंड की राज्यपाल एक महिला हैं…। यहां शासन-प्रशासन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। आज महिलाएं स्वरोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप के नई कीर्तिमान गढ़ रही हैं। राजनीति से लेकर समाजसेवा और लगभग हर क्षेत्र में उत्तराखंड की महिलाओं ने नए आयाम स्थापित किए हैं…।
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उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई 2021 को कोरोना मामलों के महाविस्फोट के लिए याद किया जाएगा। मई के महीने ने उत्तराखंड के हेल्थ सिस्टम की सारी परतें उधेड़ कर रख दी। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार के प्रयास नाकाफी रहे। ऐसे में सामाजिक संगठनों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और राज्य सरकार को बड़ा संबल मिला। हंस फाउंडेशन हमेशा की तरह सबसे बड़ा योगदान देने वाला परोपकारी संगठन रहा।
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