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टिहरी, चमोली और पौड़ी जैसे पहाड़ी जिलों में स्वीकृत की तुलना में सबसे कम स्पेशलिस्ट डॉक्टर कार्यरत हैं। एसडीसी फाउंडेशन ने ‘स्टेट ऑफ़ स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स इन उत्तराखंड-2021’ पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है। टिहरी जिले की स्थिति पर रिपोर्ट के पार्ट वन को जारी किया गया है। टिहरी जिले में 98 स्पेशलिस्ट डॉक्टर के स्वीकृत पद पर सिर्फ 13 कार्यरत हैं यानी 87% कम। इस तरह से देखें तो उत्तराखंड में टिहरी जिले की सबसे खराब स्थिति है।
READ MOREउत्तराखंड के देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर समेत कई जिलों में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। कर्फ्यू लगा है पर संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है तो अब कोरोना के खिलाफ जंग में कैसी रणनीति अपनाने की जरूरत है। यह रिपोर्ट पढ़िए…
READ MOREउत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। चिंता की बात यह है राजधानी देहरादून में सबसे ज्यादा केस आने का सिलसिला नहीं थम रहा है। अनलॉक में भी यहां सबसे ज्यादा नए मरीज बढ़ रहे हैं।
READ MOREएम्स ऋषिकेश से एक अच्छी खबर आई है। यहां प्लास्टिक बैंक स्थापित किया गया है। खास बात यह है कि सिंगल यूज प्लास्टिक को इकट्ठा कर न सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण किया जाएगा बल्कि इसका निपटारा भी लाभकारी होगा। जी हां, इससे पेट्रोल और डीजल तैयार किया जाएगा।
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टिहरी, चमोली और पौड़ी जैसे पहाड़ी जिलों में स्वीकृत की तुलना में सबसे कम स्पेशलिस्ट डॉक्टर कार्यरत हैं। एसडीसी फाउंडेशन ने ‘स्टेट ऑफ़ स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स इन उत्तराखंड-2021’ पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है। टिहरी जिले की स्थिति पर रिपोर्ट के पार्ट वन को जारी किया गया है। टिहरी जिले में 98 स्पेशलिस्ट डॉक्टर के स्वीकृत पद पर सिर्फ 13 कार्यरत हैं यानी 87% कम। इस तरह से देखें तो उत्तराखंड में टिहरी जिले की सबसे खराब स्थिति है।
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