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खेती हो, कंपनी खड़ी करना हो या कोई दूसरा कामकाज… सफल होने के लिए एक बेहतर प्रबंधन मॉडल की जरूरत होती है। किसी काम की सफलता उसकी तैयारी पर निर्भर करती है। हाल के वर्षों में पहाड़ों में जैविक खेती का ट्रेंड बढ़ रहा है। पारंपरिक खेती से इतर रासायनिक खाद से कम पैसे में स्वास्थ्य के लिए हितकर खेती की जाने लगी है। हालांकि पहली नजर में यह परेशानी भरा, बाजार कहां मिलेगा, फायदा कितना होगा, सूअर-बंदर तो नहीं खा लेंगे… ऐसे सवालों का सामना होता है। पर आज हम जिस फार्म ग्रुप की बात करने जा रहे हैं उसके सोशल-बिजनस मॉडल से न सिर्फ किसानों को फायदा हुआ है बल्कि बेहतर प्रबंधन से आसपास के लोगों को स्थायी रोजगार भी मिल गया है।
READ MOREपिछले साल कोरोना काल में लॉकडाउन लगा तो बहुत से लोग गांव लौट गए। इस बार भी हालात बिगड़े तो उत्तराखंड के बहुत से लोग गांव में ही जम गए। अगर आप भी गांव में रहकर कमाई के बारे में सोच रहे हैं तो ऑर्गेनिक खेती एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसमें कम समय में आपको आय भी होने लगती है। तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता बबीता रावत ने आर्गेनिक खेती से युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है।
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खेती हो, कंपनी खड़ी करना हो या कोई दूसरा कामकाज… सफल होने के लिए एक बेहतर प्रबंधन मॉडल की जरूरत होती है। किसी काम की सफलता उसकी तैयारी पर निर्भर करती है। हाल के वर्षों में पहाड़ों में जैविक खेती का ट्रेंड बढ़ रहा है। पारंपरिक खेती से इतर रासायनिक खाद से कम पैसे में स्वास्थ्य के लिए हितकर खेती की जाने लगी है। हालांकि पहली नजर में यह परेशानी भरा, बाजार कहां मिलेगा, फायदा कितना होगा, सूअर-बंदर तो नहीं खा लेंगे… ऐसे सवालों का सामना होता है। पर आज हम जिस फार्म ग्रुप की बात करने जा रहे हैं उसके सोशल-बिजनस मॉडल से न सिर्फ किसानों को फायदा हुआ है बल्कि बेहतर प्रबंधन से आसपास के लोगों को स्थायी रोजगार भी मिल गया है।
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