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कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भू-कानून और यूसीसी को जनभावनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम निर्णय भाजपा सरकार द्वारा जनता से किए संकल्पों को ध्यान मे रखकर लिए जा रहे हैं। जो इन मुद्दों पर भ्रम फैला रहे हैं, वे जनभावनाओं का अपमान कर रहे हैं।
READ MORE‘उत्तराखंड मांगे भू-कानून पहाड़ी प्रदेश की ये एक मांग जो सालों से उठती चली आ रही है। ये केवल एक मांग नहीं बल्कि अब आंदोलन का स्वरूप ले चुकी है। पर्यावरणविद और राज्य के लोग इस मांग को अबतक की सभी सरकारों के सामने उठा चुके हैं, लेकिन साल 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड सरकार को 24 साल बाद साल 2025 में इस ‘गंभीर’ मुद्दे पर पहली सफलता मिली है।
READ MOREउत्तराखंड कैबिनेट की तरफ से मंजूरी दिए गए भू कानून के तहत राज्य में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर कुछ सख्त प्रावधान किए गए हैं। इस कानून से बाहरी लोगों के अनियंत्रित जमीन खरीद पर रोक लगेगी और स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा की जा सकेगी।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून की दिशा में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है।
READ MOREराज्य में जिन भी व्यक्तियों ने पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि क्रय की है, परंतु उस भूमि का उपयोग इस प्रयोजन हेतु नहीं किया, ऐसी जमीनों का विवरण तैयार किया जा रहा है और ऐसे लोगों के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जायेगी।
READ MOREयह सुखद आश्चर्य की बात है कि उत्तराखंड में भू -कानून जैसे गंभीर विषय पर युवाओं द्वारा अभियान शुरू किया गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि उत्तराखंड की युवा पीढ़ी भू -कानून को लेकर संवेदनशील है और वो अपनी जड़ों को बचाने के लिए पूरी तरह से जागरूक हैं।
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कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भू-कानून और यूसीसी को जनभावनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम निर्णय भाजपा सरकार द्वारा जनता से किए संकल्पों को ध्यान मे रखकर लिए जा रहे हैं। जो इन मुद्दों पर भ्रम फैला रहे हैं, वे जनभावनाओं का अपमान कर रहे हैं।
READ MORE‘उत्तराखंड मांगे भू-कानून पहाड़ी प्रदेश की ये एक मांग जो सालों से उठती चली आ रही है। ये केवल एक मांग नहीं बल्कि अब आंदोलन का स्वरूप ले चुकी है। पर्यावरणविद और राज्य के लोग इस मांग को अबतक की सभी सरकारों के सामने उठा चुके हैं, लेकिन साल 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड सरकार को 24 साल बाद साल 2025 में इस ‘गंभीर’ मुद्दे पर पहली सफलता मिली है।
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