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उत्तराखंड के सु-विख्यात लोकगायक, ‘रुद्रवीणा’ संस्था संस्थापक शिवदत्त पंत द्वारा दस रात्रियों तक मंचित होने वाली रामलीला को मात्र चार घंटे की अवधि में करीब पचास कलाकारों के निष्ठा पूर्ण सहयोग से रामलीला की विभिन्न प्रचलित शैलियों में मंचित करने का चुनौतीपूर्ण व सराहनीय प्रयास 02 अक्टूबर को श्रोताओं से खचाखच भरे आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन सभागार में सम्पन्न किया गया।
READ MOREटिहरी गढ़वाल में होने वाली ऐतिहासिक रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के आजाद मैदान में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया।
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उत्तराखंड के सु-विख्यात लोकगायक, ‘रुद्रवीणा’ संस्था संस्थापक शिवदत्त पंत द्वारा दस रात्रियों तक मंचित होने वाली रामलीला को मात्र चार घंटे की अवधि में करीब पचास कलाकारों के निष्ठा पूर्ण सहयोग से रामलीला की विभिन्न प्रचलित शैलियों में मंचित करने का चुनौतीपूर्ण व सराहनीय प्रयास 02 अक्टूबर को श्रोताओं से खचाखच भरे आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन सभागार में सम्पन्न किया गया।
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