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जब पूरा भारत ब्रिटिश सरकार के शासन से मुक्त होने की लड़ाई लड़ रहा था, उस सुमन इस बात की वकालत कर रहे थे कि टिहरी रियासत को गढ़वाल के राजा के शासन से मुक्त किया जाए । वह गांधी के बहुत बड़े प्रशंसक थे और उन्ही को आदर्श मान श्री देव सुमन ने टिहरी की स्वतंत्रता के लिए अहिंसा के रास्ते का इस्तेमाल किया ।
READ MOREजिस बात को कहने में सब हिचकिचाते है उस बात को जो आसानी से कह जाए वो है लेखक। लेखक न सिर्फ अपनी बात कहने का सामर्थ्य रखते है बल्कि कई लेखक अपनी रचनाओं से देश विदेशों में अपना नाम भी रोशन करते है। भारतीय मूल के अंग्रेजी भाषा के एक ऐसे लेखक भी हुए है जिन्होंने न सिर्फ भारत का मान बढाया बल्कि पद्म भूषण व पद्म श्री जैसे सम्मान भी अपने नाम किये। नाम है रस्किन बॉण्ड।
READ MORE2014 से अब तक नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में कई ऐसे लम्हे आए जब भारतीयों ने महसूस किया कि एक ताकतवर देश होना क्यों जरूरी है, क्यों दक्षिण एशिया में शांति के लिए भारत को शक्तिशाली बनना होगा। ऐसे में मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलताओं का तानाबाना बुनने का श्रेय एनएसए अजीत डोभाल को जाता है।
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जब पूरा भारत ब्रिटिश सरकार के शासन से मुक्त होने की लड़ाई लड़ रहा था, उस सुमन इस बात की वकालत कर रहे थे कि टिहरी रियासत को गढ़वाल के राजा के शासन से मुक्त किया जाए । वह गांधी के बहुत बड़े प्रशंसक थे और उन्ही को आदर्श मान श्री देव सुमन ने टिहरी की स्वतंत्रता के लिए अहिंसा के रास्ते का इस्तेमाल किया ।
READ MOREजिस बात को कहने में सब हिचकिचाते है उस बात को जो आसानी से कह जाए वो है लेखक। लेखक न सिर्फ अपनी बात कहने का सामर्थ्य रखते है बल्कि कई लेखक अपनी रचनाओं से देश विदेशों में अपना नाम भी रोशन करते है। भारतीय मूल के अंग्रेजी भाषा के एक ऐसे लेखक भी हुए है जिन्होंने न सिर्फ भारत का मान बढाया बल्कि पद्म भूषण व पद्म श्री जैसे सम्मान भी अपने नाम किये। नाम है रस्किन बॉण्ड।
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