बदरीनाथ धाम के कपाट आज बंद हो जायेंगे इससे पहले कई हस्तियों ने भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता और कई काॅरपोरेट जगत की हस्तियां मौजूद थी।
शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवम्बर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर विधि-विधान से बंद हो जाएंगे। इसके बाद अगले छह माह तक भगवान बदरीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा।
मंदिर के पुरोहितों ने बताया कि आज शाम 4 बजे माता लक्ष्मी को बदरीनाथ गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा और गर्भगृह से गरुड़जी, उद्धवजी और कुबेरजी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया जाएगा। सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रातः आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी रावल जी सहित श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी योग – ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी योग – ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो जायेंगे। 22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे। योग बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति 6 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई। कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा (मुखीमठ) तथा श्री यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली (खुशीमठ) में संपन्न हुई।
उत्तराखंड चारधाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छः माह शीतकालीन पूजाएं होती हैं। इस साल लगभग पांच लाख तीर्थयात्री चारधाम दर्शन के लिए पहुंचे हैं। श्री केदारनाथ धाम सहित श्री गंगोत्री-यमुनोत्री जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को कई क्विंटल गेंदा, गुलाब और कमल के फूलों से सजाया गया है।
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