प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां श्रीराजराजेश्वरी जी के पुण्य स्थल, देवलगढ़ (पौड़ी गढ़वाल) उत्तराखंड में पंच दिवसीय (31 मई से 4 जून) अखंड महायज्ञ विधि-विधान पूर्वक संपन्न हुआ।
सिद्धपीठ के मुख्य पुजारी पंडित कुंजिका प्रसाद उनियाल के सानिध्य में महायज्ञ आयोजन हेतु आचार्य पंडित अनूप थपलियाल संयोजक रहे। प्रधान आचार्य पंडित रवींद्र बहुगुणा, आचार्य पंडित शक्ति प्रसाद उनियाल, आचार्य अनूप थपलियाल, आचार्य विकास उनियाल, आचार्य जितेंद्र डंगवाल, आचार्य मनीष डोभाल, आचार्य विजय उनियाल, आचार्य पंडित नीरज नौटियाल, आचार्य पंडित आशीष जुयाल, आचार्य पंडित मोहित पांडे व आचार्य पंडित दीपक कोठियाल को महायज्ञ सुसंपन्न करने का कार्यभार सौंपा गया। पुजारी शक्ति प्रसाद उनियाल सहित रिषु गैरोला, प्रभात गैरोला महायज्ञ आयोजन की तैयारी में जुटे रहे। प्रतिदिन ग्रामीण महिलाजन, व अन्य भंडारे की व्यवस्था में सहयोग करते रहे।
प्रत्येक दिन सनातन धर्म, स्वास्थ्य, शिक्षा, इतिहास, शक्ति साधना आदि विषय वस्तु पर विशिष्ट व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया। प्रथम दिवस को श्री बदरीनाथ धाम के ख्यातिप्राप्त पूर्व धर्माधिकारी पूज्यश्री भुवन चन्द्र उनियाल, द्वितीय दिवस को संतोष यादव आईपीएस एवं (सेवानिवृत्त कमिश्नर) लगातार दो बार एवरेस्ट विजेता प्रथम भारतीय महिला, तदोपंरात मानसखण्ड, केदारखण्ड वर्तमान ग्रन्थकार डॉ. हेमा उनियाल द्वारा सनातन धर्म की प्राचीन ऐतिहासिक धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, वर्तमान परिवेश में सनातन संस्कृति संरक्षण तथा वर्तमान व भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता विशेषतः महिला व बाल शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर सारगर्भित प्रवचनों का रसपान कराया गया।
इसी क्रम में तृतीय दिवस को उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक एवं भजन गायिका रेखा उनियाल धस्माना द्वारा उत्कृष्ट भजनों का रसपान कराया गया। चतुर्थ दिवस को देवलगढ़ क्षेत्र के मूल निवासी आचार्य पंडित बुद्धिबल्लभ बहुगुणा द्वारा सनातन संस्कृति व संस्कारों पर प्रवचन किया गया। पंचम दिवस को प्रातः आचार्य श्रुति सुंदरियाल महायज्ञ के पुण्य फल व आगामी महायज्ञ के विषय में तथा आचार्य महेश दत्त उनियाल सनातन धर्म के अंतर्गत आदि शक्ति श्री राजराजेश्वरी उपासना, साधना एवम पुण्य फल पर प्रवचन हुआ।
4 जून को अपरान्ह एक बजे पूर्ण आहुति व भंडारे के साथ महायज्ञ सुसंपन्न हुआ। अनेक भक्तजनों सहित प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा मां श्री राजराजेश्वरी सिद्धपीठ देवलगढ़ में पहुंच कर पूजा एवं यज्ञ में प्रतिभाग किया गया।
देवी मां के परम भक्त, मां राजराजेश्वरी देवलगढ़ के मुख्य अर्चक आदरणीय कुंजिका प्रसाद उनियाल, उनके पुत्र देवी मां के उपासक शक्ति प्रसाद उनियाल, यज्ञ में सम्मिलित सभी पुरोहित, आचार्य वर्ग, सुनील भंडारी, सभी ज्ञात – अज्ञात महानुभाव के प्रयासों से यह धार्मिक अनुष्ठान विधि – विधान पूर्वक संपन्न हुआ। इस बार मां बगलामुखी की स्थापना भी देवलगढ़ में विधि – विधान पूर्वक कर दी गई है। मां का आशीर्वाद आप सभी को प्राप्त हो।
– हेमा उनियाल
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