उत्तराखंड में करीब दो लाख प्रवासी अपने गांव लौटे हैं। इनमें से एक बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है, जो यहीं पर रहकर अपना रोजगार करना चाहते हैं। पर्यटन विभाग ने ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते शहर से गांव लौटे लोगों को रोजगार देने के लिए उत्तराखंड सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। अब इसी क्रम में उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार और होमस्टे योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है। इस योजना का मकसद स्थानीय युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने में सक्षम बनाना है।
इसके तहत कोई भी डीजल या इलेक्ट्रिक बसें खरीद सकता है और राज्य सरकार की ओर से उसे 50 फीसदी सब्सिडी या 15 लाख रुपये तक दिए जाएंगे। ये बसें राज्य में एक तय रूट पर संचालित होंगी। इसके साथ ही इन बसों के लिए उत्तराखंड पर्यटन का लोगो गाड़ी के दोनों तरफ लगाना अनिवार्य होगा।
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एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर बस के अलावा कोई दूसरी गाड़ी खरीदी जाती है तो इसी योजना के तहत 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार से होमस्टे योजना के तहत पहाड़ी इलाकों के लिए 33 प्रतिशत या 10 लाख रुपये की सब्सिडी और मैदानी इलाकों के लिए 25 प्रतिशत या 7.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
पर्यटन विभाग का मानना है कि ऑनलाइन आवेदन प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और इससे समय भी बचेगा। इसका मतलब यह है कि अगर आप इस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं तो विभाग के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। दोनों ही स्कीम में आप घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऐसे युवा, जो शहर से घर अपने गांव लौटे हैं और यहीं पर रहकर अपना कुछ काम शुरू करना चाहते हैं। उनके लिए बेहतर मौका है।
उत्तराखंड का कोई भी निवासी जो इस योजना का लाभा उठाना चाहता है वह इस योजना के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन फॉर्म भर सकता है। इससे दोनों योजनाओं को रियल टाइन मॉनिटरिंग करना आसान होगा।
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