मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक के जरिये कहा कि उत्तराखंड में जो लोग बाहर से अपने गांवों में आ चुके हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करे। अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें। खुद को भी बचाएं और अपने परिवार और गांव को भी बचाएं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर प्रदेशवासियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने का अनुरोध किया है। फेसबुक पर लाइव संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में उत्तराखंड के लोग बाहर हैं, जो आना चाहते हैं। परंतु इस समय जो जहां है, वहीं रहें। भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने राज्यों में बाहर के जो लोग फंस गए हैं, उनके लिए भोजन आदि की पूरी व्यवस्था करें। कोई भी भूखा नहीं रहेगा। हालांकि दिक्कत जरूर होगी परंतु इन दिक्कतों में संयम और सतर्कता बनाकर रखना है।
https://www.facebook.com/tsrawatbjp/videos/1094424040914455/
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जो लोग बाहर से अपने गांवों में आ चुके हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करे। अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें। खुद को भी बचाएं और अपने परिवार और गांव को भी बचाएं। जाने अनजाने में कोई भी गलती नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के श्रमिक और पर्यटक हैं। इन सभी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं। कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।
यह भी देखें – कोरोना लॉकडाउन के बीच बड़ा फैसला, निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में ओपीडी खुलेगी
कोरोना के फ्रंटलाइन वॉरियर्स का 4 लाख का बीमा
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव कार्यों में फ्रंटलाइन में कार्यरत 68457 कार्मिकों को 4-4 लाख का बीमा लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी स्वीकृति दी है। 01 वर्ष की अवधि के लिए इस पर 17.02 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसका वहन मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों का बीमा केंद्र सरकार के स्तर से किया जा चुका है। राज्य सरकार के स्तर पर बीमा लाभान्वितों में 22523 पुलिस कार्मिक, 7988 सफाईकर्मी, 14595 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, 14376 आंगनबाड़ी सहायिका, 4924 मिनी आंगनबाड़ी सहायिका, 464 सुपरवाइजर, 78 सीडीपीओ, 09 डीपीओ, जीएमवीएन व केएमवीएन के 3000 कार्मिक, एसईओसी/डीईओसी के 500 कार्मिक शामिल हैं। मीडिया कर्मियों के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है।