सूत्रों का कहना है कि कुछ अवाांछित तत्व लगातार प्रवासियों की घर वापसी को लेकर अफवाहें फैलाकर उनमें भय का माहौल बना रहे हैं, जबकि राज्य सरकार बार-बार कह रही है कि वह प्रत्येक प्रवासी की वापसी को प्रतिबद्ध है और सारा खर्च भी खुद उठाएगी।
देश भर में फंसे उत्तराखंडियों की वापसी के लिए इस समय उत्तराखंड सरकार एक बड़ा अभियान चला रही है। अभी तक 51 हजार से ज्यादा उत्तराखंडी देश के अलग-अलग हिस्सों से बसों एवं ट्रेन द्वारा राज्य में लाए जा चुके हैं। लॉकडाउन के कारण कई राज्यों में फंसे उत्तराखंडी अपने घर लौटना चाहते हैं। अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए 1,98,584 प्रवासी पंजीकरण करा चुके हैं। 11 मई तक विभिन्न राज्यों से 51,394 लोग उत्तराखंड आ चुके हैं।
मीडिया रिपोर्टों में भ्रामक दावा
इस बीच, नौ मई को कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि राज्य सरकार ने लोगों को ट्रेन से लाने के लिए कभी रेलवे से संपर्क ही नहीं किया। यही नहीं नार्दर्न रेलवे का हवाला देकर यह भी कहा गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की खबरें भ्रामक हैं। इस तरह की ट्रेनों को चलाने की कोई योजना नहीं है। हिल-मेल के पास इस बात के दस्तावेज हैं कि मुख्यमंत्री के लोगों को आश्वासन देने के तुरंत बाद ही संबंधित अधिकारियों ने रेलवे के साथ पत्राचार शुरू कर दिया था। हिल-मेल के पास आठ और नौ मई को हुए पत्राचार की प्रतिलिपि भी है। इस बीच राज्य सरकार की ओर से रेलवे को एक करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।
उत्तर रेलवे द्वारा 8 मई श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर भेजा गया पत्र –
उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक कार्यालय द्वारा 8 मई को परिवहन सचिव और प्रवासियों की वापसी के अभियान के लिए नोडल अफसर बनाए गए शैलेष बगोली को एक पत्र भेजा था। इसमें स्पष्ट लिखा है कि महाराष्ट्र, केरल, गुजरात के विभिन्न जिलों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को लाने के लिए विशेष ट्रेनों से संबंधित आपके उपरोक्त तिथियों (6 वा 7 मई) को लिखे गए पत्र के संबंध में आपको सूचित किया जाता है कि मुरादाबाद मंडल को अग्रिम भुगतान के आपके अनुरोध को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है।
उत्तर रेलवे ने नौ मई को मिले पत्र का भी दिया जवाब
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का 10 मई का संदेश
https://www.facebook.com/tsrawatbjp/videos/1566989983461049/
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि रेलवे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री @TSRawatBJP व सांसद @Anil_Baluni के प्रयासों से राज्य के प्रवासी बंधुओं को घर पहुंचाने के लिये रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है।
देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री @TSRawatBJP जी व सांसद श्री @Anil_Baluni जी के प्रयासों से राज्य के प्रवासी बंधुओं को घर पहुंचाने के लिये रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है।
राज्य सरकारें पर्याप्त मात्रा में ट्रेन चलाकर अपने श्रमिकों को घर लाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) May 10, 2020
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का 11 मई का ट्वीट
आपके सहयोग के लिये आपका धन्यवाद! https://t.co/ZtQVbGJItR
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) May 11, 2020
यात्रियों के लिए उपलब्ध एडवांस भुगतान वाले टिकट
सूरत से प्रवासियों को लौटने के वीडियो
देवेश्वर भट्ट ने भी अफवाहों की हकीकत बताई
इस बीच यह दावा भी किया गया कि इन टिकटों का भुगतान डा. देवेश्वर भट्ट नाम के शख्स ने किया। हालांकि देवेश्वर भट्ट ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उत्तराखंड सरकार के माध्यम से यह सुविधा मिली। लोगों को उनके घर पहुंचाया जा सका। इसके लिए राज्य सरकार और प्रशासन को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। खर्चा उत्तराखंड सरकार ने किया। यह पैसे मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए हैं। ऐसी अफवाहें उड़ाकर छवि खराब करने का प्रयास न करें।
अभी तक लौटे 51 हजार से ज्यादा प्रवासी
परिवहन सचिव शैलेष बगोली के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने प्रवासियों को लाने के लिए विशेष ट्रेनों का अनुरोध किया था, जिसे रेल मंत्रालय ने मान लिया। इसके बाद राज्य सरकार ने इन यात्रियों के टिकट के लिए रेलवे को 1 करोड़ रुपये एडवांस में जमा कर दिए हैं। सूरत से काठगोदाम और पुणे से हरिद्वार ट्रेन आ चुकी है। इसके अलावा सूरत से हरिद्वार स्पेशल रेल मंगलवार देर रात तक पहुंचने की सम्भावना है। बैंगलोर से हरिद्वार स्पेशल रेल 1200 यात्रियों को लेकर 13 मई की देर रात तक पहुंचेगी। गुजरात, तेलंगाना आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने की प्रक्रिया चल रही है। उत्तराखंड सरकार, रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों के संपर्क में है।
प्रवासियों की वापसी के अभियान के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए सचिव शैलेश बगोली के मुताबिक, अभी तक बसों एवं दूसरे साधनों से हरियाणा से 13799, उत्तर प्रदेश से 11957, दिल्ली से 9452, चंडीगढ़ से 7163, राजस्थान से 2981, पंजाब से 2438, गुजरात से 1060 और अन्य राज्यों से 1032 प्रवासियों को राज्य में लाया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं ,हर प्रवासी को उत्तराखंड लाने के प्रयास हो रहे हैं। आपसे विनम्र निवेदन है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग, सैनिटाइजेशन, व स्वास्थ्य जांच के मानकों का पालन करें। हम घर लौट रहे प्रवासियों के रोजगार को लेकर भी योजनाएं बना रहे हैं।
इस बीच, सूत्रों का कहना है कि कुछ अवाांछित तत्व लगातार प्रवासियों की घर वापसी को लेकर अफवाहें फैलाकर उनमें भय का माहौल बना रहे हैं, जबकि राज्य सरकार लगातार यह कह रही है कि वह प्रत्येक प्रवासी की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है और इसका सारा खर्च भी खुद उठाएगी।
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