CM तीरथ, पूर्व सीएम रावत भी कोरोना पॉजिटिव, क्या नन्हें बच्चों के लिए स्कूल खोलने का जोखिम उठाएगी सरकार?

CM तीरथ, पूर्व सीएम रावत भी कोरोना पॉजिटिव, क्या नन्हें बच्चों के लिए स्कूल खोलने का जोखिम उठाएगी सरकार?

देश ही नहीं, पूरी दुनिया में बच्चे एक साल घर पर रहे और घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई की। देश में स्कूल-कॉलेज अब खोल दिए हैं। हालांकि उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अभी कक्षा 5 तक के स्कूल नहीं खोले गए है। उत्तराखंड शिक्षा विभाग अप्रैल से स्कूल खोलने की तैयारी कर रहा है, पर क्या कोरोना में जोखिम नहीं रहेगा?

उत्तराखंड में पिछले साल दिसंबर तक कोरोना के मामले घटते हुए क्रम में आ रहे थे। उम्मीद की जा रही थी कि फरवरी-मार्च तक ये शून्य के करीब पहुंच जाएंगे। नए साल का जश्न मना और लोगों ने 2021 का वेलकम किया तो कोरोना के केस घटे नहीं, बढ़ने लग गए। मार्च में अब 200 रोज केस आने लगे हैं। उत्तराखंड की चिंता यह है कि दूसरे राज्यों में भी कोरोना तेजी से फैला है और वहां से आने वाले कोरोना लेकर आ सकते हैं।

सरकार की ओर से इस बाबत विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। कुछ राज्यों में तो स्थानीय स्तर पर जिलेवार लॉकडाउन भी लगाया गया है। उत्तराखंड में आलम यह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम हरीश रावत भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उधर, अप्रैल में नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी भी चल रही है।

पहले बताया जा रहा था कि 15 अप्रैल से कक्षा 5 तक के प्राथमिक स्कूलों की घंटी बज उठेगी। हालांकि जिस रफ्तार से पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना बढ़ा है उसने शिक्षा विभाग के साथ ही अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार बच्चों को स्कूल बुलाने का फैसला कुछ समय के लिए टालना चाहती है। अब सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी।

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आपको बता दें कि छठी से 12वीं तक के स्कूल खुल चुके हैं। यहां ऑफलाइन पढ़ाई भी शुरू हो गई है। शिक्षक संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि प्राथमिक स्कूल भी खोले जाएं। हालांकि कोरोना का खतरा देख अब 15 अप्रैल से स्कूल खोलने पर संशय पैदा हो गया है।

ज्यादातर अभिभावक यह मानते हैं कि छोटे बच्चों के लिए वैक्सीन न होने के कारण अभी स्कूल भेजना ठीक नहीं होगा। काशीपुर के अंकित शर्मा कहते हैं कि कक्षा 6 से ऊपर के बच्चों की पढ़ाई स्कूल जाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है पर कक्षा एक या 2, 3 के लिए कोई भी अभिभावक बच्चों को खतरे में डालना नहीं चाहेगा।

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