39 साल देश की सेवा कर सेना से रिटायर हुआ उत्तराखंड का यह सपूत

39 साल देश की सेवा कर सेना से रिटायर हुआ उत्तराखंड का यह सपूत

उत्तराखंड के दूसरे ‘बॉन्ड’ कहे जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट रिटायर हो गए हैं। देश की पश्चिमी या उत्तरी सीमा पर जब भी संकट के बादल गहराए देश के इस जांबाज अफसर ने अपनी बौद्धिक कुशलता और दृढ़ता से डटकर सामना किया।

उत्तराखंड के सपूत लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट पूरे 39 साल देश की सेवा करने के बाद 30 जून को रिटायर हो गए। कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट, UYSM, AVSM, SM, VSM, रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय से सैन्य सचिव के पद से रिटायर हुए। वैसे तो उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं, पर पीओके में सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान अहम भूमिका निभाने और डोकलाम विवाद के दौरान बेहतरीन तरीके से काम करने के लिए याद किया जाता है।

जब उन्हें डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया था तब मीडिया ने लिखा था- उत्तराखंड के एक और ‘बॉन्ड’ को अहम जिम्मेदारी। जी हां, पूरे प्रदेश को अपने इस बेटे पर नाज है।

लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट मूल रूप से कीर्तिनगर के खतवाड़ गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार पिछले पांच दशक से ज्यादा समय से मसूरी में रह रहा है। भट्ट ने प्रारंभिक शिक्षा मसूरी के हेम्पटनकोर्ट और 12वीं तक की पढ़ाई प्रतिष्ठित सेंट जॉर्ज कॉलेज से की है। एके भट्ट के पिता भी फौज में रहे।

 

उनके दोस्त बताते हैं कि वह शुरू से मेधावी थे। कम लोगों को पता होगा कि एके भट्ट मसूरी में बेहद लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाते रहे।

19 दिसंबर 1981 को 9वीं गोरखा बटालियन में उन्होंने कमीशन प्राप्त किया था। वह कमांड और स्टाफ दोनों में उच्च पदों पर रहे। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने बतौर कर्नल 3/9 गोरखा राइफल का नेतृत्व किया, ब्रिगेडियर के तौर पर 163 माउंटेन ब्रिगेड का और बाद में 21 माउंटेन डिवीजन और 15वीं कोर के भी कमांडर रहे।

कोर कमांडर के तौर पर उनके कार्यकाल में ही 2018 में कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को काबू करने में सफलता मिली। उनके समय में 318 आतंकियों को न्यूट्रलाइज किया गया। 254 आतंकी मार गिराए गए, 60 पकड़े गए और 4 ने सरेंडर कर दिया। इससे पहले 2017 में चीन के साथ डोकलाम में तनातनी के मामले को उन्होंने अच्छी तरह से हैंडल किया था। उस समय वह डीजीएमओ थे।

‘हिल-मेल’ परिवार से उनका विशेष लगाव है। पिछले साल हुए रैबार कार्यक्रम में भी वह अपना कीमती वक्त निकाल कर शामिल हुए थे।

2 comments
Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this