उत्तराखंड के रहने वाले एसीपी ललित मोहन नेगी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा। पिछले साल उन्हें वीरता के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस उपायुक्त (एसीपी) ललित मोहन नेगी, एसीपी हृदय भूषण और सब इंपेक्टर ईश्वर सिंह को दिल्ली पुलिस में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए 26 जनवरी 2024 को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा के लिए कमांडांट धमेंद्र सिंह रावत और डिस्ट्रक स्टाफ आफिसर रजनी शोनिक को सम्मानित किया जायेगा। ललित मोहन नेगी को यह सम्मान मिलने पर उत्तराखंड के लोग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखंड के रहने वाले एसीपी ललित मोहन नेगी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा। पिछले साल उन्हें वीरता के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था। वह इस समय दिल्ली स्पेशल सेल में तैनात हैं। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान दिल्ली में कई कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार और कईयों को मौत के घाट भी उतारा है। वह दिल्ली पुलिस में एक ईमानदार और निडर अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं।
गौरतलब रहे कि एसीपी ललित मोहन नेगी की टीम ने आनंदमयी मार्ग पर दो बदमाशों को 17 फरवरी, 2020 को घेर लिया था। एसीपी ललित मोहन नेगी ने जिप्सी से बदमाशों की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। टक्कर से बदमाश नीचे गिर गए। कुछ देर में बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग करना शुरू कर दी। गोलियां एसीपी ललित मोहन नेगी, एसआई सुंदर गौतम, एसआई रघुवीर और शमशेर की बूलट प्रूफ जैकेट में लगीं। ये पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए। मुठभेड़ में दोनों बदमाश ढेर हो गए।
इन पुलिस अधिकारियों को इस बहादुरी पूर्ण कार्य के लिए वीरता पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में एसआई मनोज भाटी (उस समय एएसआई) व शजाद खान ने बहादुरी दिखाते हुए आतंकी गुरजीत सिंह उर्फ भा और सुखदीप सिंह उर्फ भूरा को गिरफ्तार किया था।
उत्तराखंड के निवासी एसीपी ललित मोहन नेगी ने इससे पहले भी कई एनकाउंटर को अंजाम दिया है। उनको इससे पहले 2021 में गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगों की जांच करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की टैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा के मामले में यूएपीए और राजद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट एसीपी ललित मोहन नेगी को यूएपीए का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उस दिन किसान आंदोलनकारी काफी उग्र हो गये थे और उन्होंने कई जगह पर तोडफोड़ और हिंसक घटनाएं की थीं।
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