सरकार अगले वर्ष बजट सत्र में डाटा सुरक्षा फ्रेमवर्क पर संसद में बिल पेश कर सकती है। फिलहाल इसकी तैयारी चल रही है। सरकार ने प्रस्तावित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति के तहत भारत की उन्नति और आत्मनिर्भरता के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद साइबर स्पेस मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
सरकार अगले वर्ष बजट सत्र में डाटा सुरक्षा फ्रेमवर्क पर संसद में बिल पेश कर सकती है। फिलहाल डाटा सुरक्षा फ्रेमवर्क की तैयारी चल रही है। सरकार ने प्रस्तावित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2022 के तहत भारत की उन्नति और आत्मनिर्भरता के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद साइबर स्पेस मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल आठ क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा को लेकर फोकस किया जा रहा है।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संयोजक ले जनरल राजेश पंत ने औद्योगिक संगठन के एक कार्यक्रम में कहा कि डाटा सुरक्षा फ्रेमवर्क पर अभी लोगों से राय लेने का काम बाकी है। यह काम पूरा होते ही अगले वर्ष के आरंभ में बजट सत्र में इसे संसद में पेश किया जाएगा। ले जनरल राजेश पंत ने कहा कि राष्ट्रीय साइबर स्पेस में प्रशासनिक कामकाज से लेकर ई-कामर्स, बिजनेस व उद्योग सभी शामिल है। 5जी लांच होने से साइबर स्पेस का दायरा और बढ़ जाएगा। अभी दुनियाभर में पांच अरब इंटरनेट यूजर्स हैं।
सुरक्षित साइबर स्पेस को किया जा रहा है तैयार
उन्होंने कहा कि फिलहाल साइबर सुरक्षा के लिए आठ संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु, यातायात, तेल व गैस, वित्तीय व्यवस्था, संचार व ऊर्जा शामिल हैं। नीतिगत हस्तक्षेप के जरिए हम साइबर खतरे को रोक सकते हैं। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति के तहत नागरिकों के साथ बिजनेस और सरकार के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस को तैयार किया जा रहा है।
ले जनरल राजेश पंत ने कहा कि गृह मंत्रालय ने रैनसमवेयर को रोकने के लिए एक नेशनल काउंटर रैनसमवेयर टास्कफोर्स के गठन की मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसका गठन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डिजिटल रूप से उधार देने वाले प्लेटफार्म के लिए नियामक लाने पर भी सरकार आरबीआइ के साथ काम कर रही है।
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