सरकार के आंकड़ों के हिसाब से बीते साल 48 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आए थे। इस साल सरकार द्वारा 60 लाख यात्रियों के चारधाम आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियों के बीच शुरू हुई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में चारधाम यात्रियों के उत्साह के जिस तरह से रुझान मिल रहे हैं वह सरकार को सतर्क करने वाले हैं। अगर रजिस्ट्रेशन कराने की गति यही रहती है तो यात्रा शुरू होने से पहले ही उससे अधिक यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके होंगे जितने बीते साल यात्रा पर आए थे।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने के पहले चार दिन में 6 लाख 70 हजार से अधिक यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जबकि अभी यात्रा शुरू होने में 35-36 दिन बाकी हैं। अगर इस गति से रजिस्ट्रेशन होते हैं तो 30 अप्रैल से पूर्व यह संख्या 50 लाख के पार चली जाएगी जबकि यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इसके बाद भी पूरे 6 महीने यात्रा समाप्त होने तक जारी रहेगी। सरकार के आंकड़ों के हिसाब से बीते साल 48 लाख से अधिक यात्री चार धाम यात्रा पर आए थे। इस साल सरकार द्वारा 60 लाख यात्रियों के चार धाम आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
अगर इतनी बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को आना है तो यह स्वाभाविक ही है कि सरकार को उतनी ही अधिक ज्यादा तैयारी करने की भी जरूरत होगी। जिससे बीते साल की तरह यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े और चारों धामों में प्रतिदिन उनकी क्षमता तक ही सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने जाए। जिससे उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हालांकि अब तक यात्रा की तैयारियों को लेकर कई बार समीक्षा बैठक कर चुके हैं और अधिकारियों को इस बारे में दिशा निर्देश भी दे चुके हैं।
अब तक ऑनलाइन हुए रजिस्ट्रेशन के अनुसार 6 लाख 70 हजार से ऊपर यात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। सबसे अधिक 1 लाख 95 हजार यात्रियों ने केदारनाथ के लिए तथा लगभग एककृएक लाख यात्रियों द्वारा गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि बद्रीनाथ के लिए भी डेढ़ लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। अगर यह गणना ठीक है तो इसमें कोई संदेह नहीं की आस्था की इस भीड़ को संभालना शासन प्रशासन के लिए एक कड़ी चुनौती होगा।
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