हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार और कवयित्री वीणा पाणी जोशी का 6 मार्च को निधन हो गया। 83 वर्षीय जोशी काफी समय से बीमार चल रही थीं। उनके निधन की खबर से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह
हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार और कवयित्री वीणा पाणी जोशी का 6 मार्च को निधन हो गया। 83 वर्षीय जोशी काफी समय से बीमार चल रही थीं। उनके निधन की खबर से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत साहित्य जगत की कई हस्तियों ने वीणा पाणी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार आज हरिद्वार में होगा।
उत्तराखंड की सशक्त हस्ताक्षर वीणा पाणी हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊंनी, ब्रज, अवधी, पंजाबी व अंग्रेजी भाषा की मर्मज्ञ थीं। उन्होंने शुक्रवार सुबह करीब सवा आठ बजे अंतिम सांस ली। उनके परिवार में बेटे अविनाश चंद्र जोशी, अमिताभ, आलोक जोशी और बेटियां नीना और वंदना जोशी हैं।
उत्तरायणी रत्न अवॉर्ड (दिल्ली) से सम्मानित वीणा पाणी जोशी का जन्म 10 फरवरी 1937 को देहरादून में हुआ था। महादेवी कन्या पाठशाला से इंटरमीडिएट, आगरा विवि से बीए और गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री लेने के बाद बहुत कम समय में मीणा पाणी जोशी ने साहित्य जगत में अपनी जगह बनाई।
वह कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों के लिए भी लिखती थीं। उनकी कविताएं आकाशवाणी से प्रसारित हो चुकी हैं। अखिल गढ़वाल सभा देहरादून की स्मारिका में भी उनके काव्य संग्रह प्रकाशित हुए।
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