उत्तराखंड पहुंचे केदारनाथ धाम के रावल होम क्वारंटीन, कोरोना टेस्ट भी होगा

उत्तराखंड पहुंचे केदारनाथ धाम के रावल होम क्वारंटीन, कोरोना टेस्ट भी होगा

देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में भी अबतक 42 मरीज सामने आ चुके हैं। अच्छी बात यह है कि 9 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। कोरोना को फैलने से रोकने का सबसे बड़ा उपाय सामाजिक दूरी बनाकर रखा है। ऐसे में कपाट खुलने से पहले केदारपुरी के रावल जब प्रदेश पहुंचे तो उन्हें घर में क्वारंटीन कर दिया गया।

देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन चल रहा है और ऐसे में 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट भी खुलने हैं। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस दौरान आम जनता को अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार की कोशिश है कि धार्मिक परंपराओं का पालन हो, पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाए। इस बीच, केदारनाथ धाम की कपाट पूजा के लिए रावल भीमाशंकर लिंग अपने सेवादारों के साथ उत्तराखंड पहुंच गए हैं।

ऊखीमठ पहुंचने पर एहतियात बरतते हुए रावल समेत अन्य सभी पांच सेवादारों को होम क्वारंटीन कर दिया गया है। सभी अलग-अलग कमरों में रह रहे हैं। आपको बता दें कि भगवान केदार की चलविग्रह उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से धाम के लिए प्रस्थान करेगी। रावल भी इस डोली के साथ धाम के लिए रवाना होंगे।

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चारधाम यात्रा की शुरुआत कपाट खुलने से होती है। पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी। सरकार पंरपरा का पालन करते हुए कपाट खुलवाने की कोशिश कर रही है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के रावलों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। इसके बाद सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्वास्थ्य परीक्षण और टेस्ट निगेटिव होने पर ही रावल पूजा में भाग ले पाएंगे।

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नियम के अनुसार राज्य में बाहर से आने पर किसी भी व्यक्ति को 14 दिन के लिए क्वारंटीन में रखने का आदेश है। ऐसे में रावल को भी 14 दिन के क्वारंटीन में रहना होगा। हालांकि तीर्थ पुरोहित महापंचायत का कहना है कि राज्य से बाहर जाने पर रावल सेल्फ आइसोलेशन में ही रहते हैं। उनके कमरे में कोई जा भी नहीं सकता और न ही रावल किसी को छू सकते हैं।

महापंचायत का कहना है कि बदरीनाथ धाम के रावल परंपरा के अनुसार सेल्फ क्वारंटीन (एकांतवास) में ही रहते हैं। ऐसे में उनका कोरोना टेस्ट कराना पर्याप्त है। टेस्ट निगेटिव आने पर रावल को पूजा करने दी जा सकती है। रावल सबसे अलग रहकर ही पूजा करते हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में कपाट के खुलने के समय रावल की ओर से ही पूजा कराए जाने का प्रावधान है।

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