उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 2903 नए केस सामने आए हैं जबकि ठीक होने वालों की संख्या 8164 है। 64 लोगों की मौत हो गई और सैंपल पॉजिटिविटी 6.94 प्रतिशत है। इस समय ऐक्टिव केस 57 हजार से ज्यादा हैं। ये आंकड़े थोड़े राहत देते दिख रहे हैं पर बच्चों पर स्टडी करें तो हालात चिंताजनक दिखाई देते हैं।
देवभूमि उत्तराखंड में मई की शुरुआत में कोरोना के मामलों की रफ्तार जो बढ़ रही थी, अब ढलान पर है। यह एक राहत की बात है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 3 हजार से भी कम नए मामले सामने आए हैं। इस बीच, उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम ने मई में 20 दिनों के आंकड़े क्रमबद्ध तरीके से जारी किए हैं जिससे पता चलता है कि पहाड़ी प्रदेश के छोटे बच्चों पर कोरोना किस कदर असर कर रहा है।
जी हां, उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. अमित नेगी ने बताया है कि इन 20 दिनों में 1,22,949 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। 1 मई से 20 मई के बीच 9 साल से कम उम्र के कुल 2044 बच्चे और 10-19 साल के 8661 बच्चे कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं।
तुलनात्मक रूप से देखें तो 1 मई को 6250 केस आए थे, जिसमें 0-9 साल के बच्चों की संख्या 103 थी। 3 मई को 123, 5 मई को 148 और इसके बाद कई दिनों तक लगातार 100 से ज्यादा मासूम बच्चे संक्रमित होते गए। 14 मई से 20 मई तक 100 से भी कम केस आ रहे हैं। उम्रवार नीचे चार्ट से समझा जा सकता है कि उत्तराखंड में इन 20 दिनों में किस उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित हुए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र सरकार की ओर से आशंका जताई गई है कि तीसरी लहर में बच्चे कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अलग-अलग राज्यों में उस हिसाब से तैयारियां भी शुरू हो गई है। बच्चों के अस्पताल से लेकर गांव-गांव रणनीति बनाई जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड के लिए भी यह अलर्ट होने का समय है। दूसरी लहर में ही सैकड़ों बच्चों को कोरोना हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर में बच्चे कम प्रभावित हों, इसका प्रयास जन-जन को करना होगा।
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