वनाग्नि रोकने के लिए वायुसेना कर रही है मदद, हेलीकॉप्टर से बरसाया जा रहा है पानी

वनाग्नि रोकने के लिए वायुसेना कर रही है मदद, हेलीकॉप्टर से बरसाया जा रहा है पानी

उत्तराखंड में जंगलों के धधकने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक आग हजारों हेक्टेयर जंगल को अपनी चपेट में ले चुकी है। उधर, वन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी जंगलों को बचाने के लिए मैदान में उतर गए हैं। लेकिन आग की भयावह स्थिति अभी बनी हुई है।

पौड़ी में आग की भयानक स्थिति को देखते हुए अब वायुसेना से मदद ली जा रही है। वायुसेना ने 01 एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए यहां तैनात किया है। जिससे पानी लेकर आग बुझाने का काम किया जा रहा हैं अभी तक वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने आग बुझाने के लिए नौ उड़ाने भरी। इस हेलीकॉप्टर से 22,300 लीटर पानी का इस्तेमाल कर आग बुझाने का काम किया गया है। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी फायर ब्रिगेड द्वारा आग बुझाने का काम किया जा रहा है।

पौड़ी के आसपास के जंगलों की भीषण आग को काबू पाने के लिए भारतीय वायु सेना ने अपने एमआई17 वी5 हेलीकॉप्टरों द्वारा बांबी बकेट ऑपरेशन चलाकर यहां के लोगों को बहुत राहत प्रदान की है। उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर आग बुझाने के लिए 4500 लीटर से अधिक पानी का उपयोग किया गया। भारतीय वायुसेना की त्वरित कार्रवाई ने जमीन पर मौजूद अग्निशमन दल को अधिक कुशल तरीके से आग बुझाने में सक्षम बनाया है।

उत्तराखंड के कई इलाकों में आग की स्थिति लगातार बनी हुई है। पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर गडुवागाड के नजदीक, अदवानी व डोभ श्रीकोट के आरक्षित व सिविल क्षेत्रों में जंगल बीते शाम से धधक रहे हैं। यहां पर दिनभर जंगल जलते रहे। अदवानी के आरक्षित वनों की आग विकराल हुई तो आग बुझाने के लिए देहरादून से वायुसेना का हेलीकॉप्टर पहुंचा। हेलीकॉप्टर ने श्रीनगर डैम से पानी भरा और 5 से 6 चक्कर लगाकर अदवानी के जंगलों में लगी आग बुझाई जा रही है।

दो दिन पहले ही मुख्यालय स्थित टेका जंगल में लगी आग खेल विभाग के हॉस्टल तक पहुंच गई और एक कमरे में रखे बच्चों के सामान जल कर राख हो गया। इस दौरान तत्काल फायर टीम, खेल विभाग के कर्मचारियों व स्थानीय लोग पहुंचे और आग पर काबू पाया। जिलाधिकारी ने हॉस्टल का निरीक्षण करते हुए खेल अधिकारी को कमरे में बच्चों का खेल सामग्री व अन्य दस्तावेज जो आग से जलकर राख हुआ है उसकी रिपोर्ट बनाते हुए प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि खेल के सामान की जो भी क्षति पहुंची है, उसकी पूरी भरपाई की जायेगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्रावास में रह रहे बच्चों से मुलाकात करते हुए उनको आवश्यक सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना को गंभीरता से लिया गया है, हॉस्टल की सुरक्षा के संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि आग की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त सामान की शीघ्र भरपाई की जायेगी।डीएम ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस क्षेत्र में वनाग्नि की घटना होती है उसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम-18001804141 या किसी अधिकारी को दें। जिससे उस क्षेत्र की वनाग्नि घटनाओं को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर जन-सहभागिता महत्वपूर्ण है।

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