कोरोना संक्रमण के चलते इस बार की पीओपी के बाद अधिकारी बनने जा रहे कैडेट्स के परिजन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके लिए गर्व की बात यह है कि सेनाप्रमुख जनरल एम एम नरवाणे और तमाम दूसरे कमांडर इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।
पूरी दुनिया जहां इस समय कोरोना महामारी का सामना कर रही है वहीं भारत इस समय चीन की सैन्य हठ के सामने मुस्तैदी से खड़ा है। भारतीय सेना हर मोर्चे के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन के साथ लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए देश को 333 युवा सैन्य अधिकारी देने जा रहा है। इस बार की पासिंग आउट परेड की खास बात यह भी है कि इस बार पास आउट होने के बाद अधिकारी सीधे अपनी यूनिट में तैनात हो जाएंगे। अमूमन पोस्टिंग पर जाने से पहले वे कुछ समय परिजनों के साथ बिताते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
कोविड19 के लिए जारी तमाम जरूरी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 13 जून को पासिंग आउट परेड का आयोजन हो रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार की पीओपी के बाद अधिकारी बनने जा रहे कैडेट्स के परिजन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनके लिए गर्व की बात यह है कि सेनाप्रमुख जनरल एम एम नरवाणे और तमाम दूसरे कमांडर इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।
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आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने ‘हिल-मेल’ को बताया कि जब राष्ट्रीय स्तर पर सेना की ओर एडवाइजरी जारी की गई तो हमें ट्रेनिंग को उसके मुताबिक मॉडीफाई करना पड़ा। कुछ समय तक दिक्कत आई, उसके बाद ट्रेनिंग को छोटे-छोटे ग्रुप में किया। पासिंग आउट का एसेसमेंट करने के बाद सभी जरूरी चीजों को अलग-अलग ढंग से किया। मुझे खुशी है कि इसमें कैडेट्स ने भी बहुत अच्छा सहयोग किया। इससे उनकी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी हुई। जहां तक पासिंग आउट परेड की बात है तो हम यह कह सकते हैं कि हम तमाम सावधानियों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए परेड की तैयारियों में बदलाव किया। परेड में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार फॉर्मेशन में बदलाव किया गया।
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उन्होंने कहा कि पासआउट होने वाले हर कैडेट्स का सपना होता है कि अपने बच्चे को पासिंग आउट परेड पूरी कर अफसर बनते हुए अपनी आंखों से देखें, लेकिन इस बार कोरोना के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। वो मीडिया के जरिये ये देख सकते हैं। इस बार एक नई पहल है कि अंतिम पग जो चेटवुड हॉल में है, पीपिंग कराने के बाद में हम सेनाप्रमुख की सोच को अमल में ला रहे हैं, जब वह पासिंग आउट परेड के बाद पहला कदम सैनिक जीवन में लेंगे। एक और बात खास है कि पीपिंग अमूमन परिजन करते हैं, लेकिन क्योंकि इस बार परिवार के लोग नहीं आ रहे हैं तो ऐसे में हमारा स्टॉफ, अधिकारी और महिलाएं वहीं इन अफसरों के परिवार की भूमिका निभाएंगे। सेनाप्रमुख जब यहां कल मौजूद होंगे तो वह भी कुछ युवा अधिकारियों को पीपिंग करेंगे।
जनरल नेगी ने कहा कि यहां जो प्रशिक्षण दिया जाता है वह तीन-चार चीजों पर आधारित होता है। सबसे पहले उनका फिजिकल फिट होना, मानसिक तौर पर उनको मजबूत बनाना होता है, ताकि वे हर चुनौती के लिए तैयार रहें। साथ ही हमें उन्हें सैनिक सीख भी देनी होती है और सबसे महत्वपूर्ण होता है लीडरशिप विकसित करना, क्योंकि वे कल के सैन्य लीडर हैं। यहां उनमें त्याग, बलिदान की भावना विकसित करने पर जोर रहता है। हमारे युवाओं ने साबित किया है कि मुश्किल से मुश्किल हालात में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम देते हैं।
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आईएमए से पासआउट होकर सेना में अधिकारी बनेंगे उत्तराखंड के 31 बेटे - Hill-Mail | हिल-मेल
June 12, 2020, 7:35 pm[…] […]
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