भाजपा ने नगर निगम चुनाव में नए चेहरों पर लगाया दांव

भाजपा ने नगर निगम चुनाव में नए चेहरों पर लगाया दांव

उत्तराखंड के नगर निगम चुनाव में निवर्तमान मेयरों के टिकट काट दिए हैं। लगातार दो बार से मेयर रहने वालों को भी मौका नहीं मिला। इस बार नए और युवा प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है।

भारतीय जनता पार्टी देश में होने वाले किसी भी चुनाव को कभी हल्के में नहीं लेती है और इसी का परिणाम है कि आज भाजपा देश में नंबर वन पार्टी बनी हुई है और उसके सामने कोई पार्टी ठहर नहीं पा रही है। भाजपा ऐसी रणनीति बनाती है कि जिससे उसके सामने कोई टिक नहीं पाता है। वह हर चुनाव को एक चुनौती के तौर पर स्वीकार करती है। उसी के अनुसार प्लानिंग करती है। देश में लोकसभा के चुनाव हो, या किसी भी राज्य में विधानसभा चुनाव, भाजपा विधायक ही नहीं, मंत्रियों तक के टिकट भी काट देती है। इसी तर्ज पर उसने उत्तराखंड के नगर निगम चुनाव में निवर्तमान मेयरों के टिकट काट दिए हैं। लगातार दो बार से मेयर रहने वालों को भी मौका नहीं मिला। नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है ताकि पुराने महापौर के कामकाज से हुई नाराजगी को कम किया जा सके।

देहरादून नगर निगम में निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा का टिकट काटकर युवा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल को मैदान में उतारा गया है। रुद्रपुर में भाजपा प्रत्याशी विकास शर्मा और काशीपुर में दीपक बाली पहली बार मेयर का चुनाव लड़ेंगे। हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम से इस गजराज सिंह बिष्ट को टिकट दिया गया है वह पहली बार मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले यहां पर 10 साल से जोगेंद्र रौतेला मेयर थे। वह बेहद सरल और मिलनसार हैं। मेयर का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी एक साल से सक्रिय थे। यहां के कई नेता उनकी पैरवी भी कर रहे थे और पार्टी में उनकी पकड़ भी अच्छी है। इसके बावजूद भाजपा ने उनका टिकट काटकर गजराज सिंह बिष्ट को मेयर प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने अन्य निगमों में भी नए चेहरों को मैदान में उतारा है।

पिथौरागढ़ में भी भाजपा प्रत्याशी कल्पना देवलाल पहली बार मेयर का चुनाव लड़ेंगी। राज्य के हर निगम और निकाय के अपने राजनीतिक समीकरण हैं लेकिन भाजपा ने पुराने चेहरों को दरकिनार कर जनता में एक सियासी संदेश देने की कोशिश की है। यह पूरी कवायद प्लानिंग के साथ की गई है लेकिन यह प्रयोग कितना सफल होगा, यह 25 जनवरी को चुनाव नतीजे आने के बाद पता चलेगा। इसके अलावा बीजेपी ने नगर निकाय चुनावों के लिए अन्य स्थानों से इन नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें हरिद्वार से किरन जैसल, ऋषिकेश से शम्भू पासवान, रूड़की से अनीता देवी अग्रवाल, काशीपुर से दीपक बाली, श्रीनगर से आशा उपाध्याय, कोटद्वार से शैलेन्द्र रावत, अल्मोड़ा से अजय वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

इसके बाद राज्य में पंचायत चुनाव होने है और उसके बाद 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे। इसलिए भाजपा राज्य में होने वाले चुनावों में किसी को टिकट दे सकती है। कोई भी नेता यह न समझे कि अगली बार भी उसको टिकट मिल सकता है। राज्य में हर कार्यकर्ता को मौका मिलना चाहिए ऐसा संदेश भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को देना चाहती होगी।

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