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उत्तराखंड में माल्टा के लगभग 3,21,477 पेड़ है, जिसमें लगभग 16,224.86 मैट्रिक टन उत्पादन किया जाता है। यह फल शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढ़ाता है और विटामिन-सी की कमी को भी पूरा करता है। माल्टा निमोनिया, ब्लड प्रेशर और आंत संबंधित समस्याओं के लिए भी रामबाण है।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस तरह उत्तराखंड, आजादी मे बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा।
READ MOREउत्तराखंड प्राकृतिक संपदा और जैव विविधता के साथ ही यहां मिलने वाली जड़ी-बूटियों के लिए भी प्रसिद्ध है। देवभूमि में मिलने वाली जड़ी-बूटियों में जीवनदायिनी शक्ति है। पहाड़ के ग्रामीण इलाकों में आज भी इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है पहाड़ में मिलने वाला जंगली फल गीठीं प्राचीन समय से ही पहाड़ों में लाइलाज बीमारियों का इलाज परंपरागत तरीकों से ही किया जाता रहा है।
READ MOREदेहरादून के राजभवन में एक हफ्ते तक आंखों की जांच का कैंप लगने जा रहा है जिसमें भारतीय सेना के जाने माने विशेषज्ञ आयेंगे और आंखों की जांच करेंगे। इस कैंप का उद्घाटन 24 दिसम्बर को उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए 1971 के युद्ध में भारत के लगभग 39 सौ जवान शहीद हुए, वही बांग्लादेश अब सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर हमारे देश के खिलाफ अपशब्द बोल रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात किया है।
READ MOREपहाड़ी क्षेत्रों में ओखली कभी घर-गांवों की शान हुआ करती थी। जिस घर के चौक (आंगन) में ओखली होती थी, उसे गांव के समृद्धशाली परिवारों में गिना जाता था। वक्त बदला तो पहाड़ी क्षेत्रों में ओखली की गमक भी कम सुनाई देने लगी।
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उत्तराखंड के सीमांत जिलों में स्थित आईटीबीपी की बटालियनें अक्तूबर, 2024 तक मटन, चिकन, फिश सप्लाई के लिए बड़े शहरों पर निर्भर थीं। लेकिन अब उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने आईटीबीपी का अनुबंध सीधे स्थानीय पशु पालकों से करा दिया है। इसके बाद शुरुआती पांच महीने में ही, चार सीमांत जिलों के 253 किसान आईटीबीपी के साथ 2.6 करोड़ का कारोबार कर चुके हैं।
READ MOREउत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा के जवानों ने उत्तराखंड बनने से अब तक 53 हजार करोड़ रूपये से अधिक की संपत्तियों को आग से बचाया है। इसके अलावा 27 हजार से अधिक मनुष्यों एवं लगभग 7 हजार पशुओं का जीवन भी बचाया है।
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