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भैया दूज के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। आज सुबह विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी विग्रह मूर्ति शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है। भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के जयकारों के साथ डोली के साथ धाम से रवाना हुए। अब अगले छह माह बाबा के दर्शन श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होंगे।
READ MORE3 नवंबर को बाबा तुंगनाथ जी की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी इसी के साथ शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी।
READ MOREप्रदेश के शहरी विकास एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भगवान बद्री-केदार के दर्शन किए और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
READ MOREउप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे श्री केदारनाथ धाम। साथ में ले. जनरल गुरमीत सिंह भी रहे मौजूद। राज्यपाल ने उन्हें केदार पुरी में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी दी।
READ MOREप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारपुरी को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए चल रहे निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों का प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।
READ MOREइस साल चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का अपार भीड़ देखी जा रही है। पिछले सालों की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं के सारे रिकार्ड टूट चुके हैं और अब तक चारधाम यात्रा में 46 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु चारधाम की यात्रा कर चुके हैं जो कि एक रिकार्ड बन गया है।
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केदारघाटी में हुए उपचुनाव में भले ही बीजेपी यह सीट जीतने में कामयाब रही हो लेकिन केदारघाटी की जनता भाजपा एवं सरकार से खासी नाराज थी। केदारनाथ यात्रा को डायवर्ट करना, स्थानीय युवाओं को अतिक्रमण के नाम पर बेरोजगार करना केदारघाटी में मुख्य मुद्दा रहा। हालांकि, कांग्रेस ने इसे हर चुनावी सभा में जोर शोर से रखा। लेकिन वे इसे वोट में तब्दील नहीं कर पाए।
READ MOREकेदारनाथ में हुए उपचुनाव में जनादेश भाजपा के पक्ष में गया है। इस उपचुनाव को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं केदारनाथ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को मुद्दा बनाने पर पूरा जोर दिया था। लेकिन केदारनाथ मंदिर के चक्रव्यूह में कांग्रेस खुद ही फंस गई और उसकी नैया पार नहीं हो पाई।
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