उत्तराखंड सरकार द्वारा 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर चल रही तैयारियों पर आज एक हाई लेवल बैठक सचिवालय में आयोजित की गई। जिसमें पंजीकरण से लेकर दर्शन की व्यवस्थाओं पर गंभीर चिंतन मंथन किया गया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव से लेकर अन्य तमाम विभागों के सचिव एवं कुमाऊं तथा गढ़वाल मंडल के कमिश्नर व सभी जिलों के जिला अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा यात्रा को लेकर अब तक की गई तैयारियों की विस्तार पूर्वक जानकारी ली गई तथा अधिकारियों को समय पूर्व तैयारियों को पूरा करने के दिशा निर्देश जारी किए गए। उन्होंने कहा कि बीते साल के अनुभवों के आधार पर तैयारियों को समय से पूरा कर ले जिससे यात्रा के दौरान किसी तरह की अव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े।
धामों में यात्रियों की सीमा निर्धारण करने पर भी चिंतन किया गया धामों की क्षमता से अधिक एक दिन में अधिक यात्री न पहुंचे। पिछले साल जहां ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन न मिलने के कारण लोगों को हरिद्वार और ऋषिकेश में कई कई दिनों तक इंतजार में गुजारने पड़े थे। वही धामों में अधिक संख्या में यात्रियों की पहुंचने से अव्यवस्थाएं फैल गई थी यात्रियों को पड़ावों पर रोकने की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए कहा गया है कि धामों की क्षमता से अधिक यात्रियों को रोकने के पुख्ता इंतजाम किया जाए। होल्डिंग प्वाइंटों पर यात्रियों को रोकने ठहरने की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए।
ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था के साथकृसाथ यात्री सुविधाओं पर भी चर्चा की गई वहीं यात्रा के दौरान यात्रियों से अधिक सेवा शुल्क वसूलने से लेकर उनके साथ हवाई सेवाओं में होने वाली ठगी तथा उत्पीड़न को रोकने से लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। समाचार लिखे जाने तक बैठक जारी थी। मुख्यमंत्री धामी की सख्त हिदायत है कि बीते साल हुई गलतियों को दोबारा नहीं दोहराया जाए। तथा समय रहते सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। बैठक में मौसम के बदलाव के कारण तैयारियों को पहले से ही विलंब होने की बात भी सामने आई।
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