जिलाधिकारी ने की गयी जन सुनवाई के दौरान परिवहन विभाग और लोनिवि से संबंधित शिकायतें आई थीं। जन सुनवाई में आरटीओ, एआरटीओ ओर अधिशासी अभियंता (ईई) के मौजूद नहीं होने पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने तीनों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने चेतावनी दी है कि जनता की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी तरह का बहाना बनाकर अफसर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं।
देहरादून कलेक्ट्रेट सभागार में जन सुनवाई हुई थी। इस दौरान दो शिकायतें प्रमुख थीं। इनमें एक महिला के द्वारा की गई शिकायत थी। दूसरी शिकायत वरिष्ठ नागरिकों ने की थी। जन सुनवाई के दौरान एक दिव्यांग महिला अंजना मलिक ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बस पास का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। इस कारण उन्हें सफर करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों के एक समूह ने शिकायत दर्ज कराई कि बस चालक कहीं पर भी बस रोक देते हैं। नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारी मनमानी पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। जिलाधिकारी ने जब दोनों शिकायतों को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से सवाल किया तो पता चला कि आरटीओ और एआरटीओ बिना अनुमति अनुपस्थित हैं।
इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों का जवाब तलब करते हुए वेतन रोकने का आदेश कर दिया। इसी तरह लोनिवि यानी पीडब्ल्यूडी से संबंधित एक मामले में लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता अनुपस्थित पाए गए. इस पर जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोकने का भी आदेश जारी कर दिया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया है कि जनता की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी तरह का बहाना बनाकर अफसर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। सोमवार की जन सुनवाई में कुल 118 शिकायतें दर्ज की गईं। अधिकतर का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।
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