कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि संकटमोचन हनुमान के आशीर्वाद से पहाड़ के किसानों को सशक्त बनाने के लिए गौमुख गौशाला की इस पहल से हम अपनी संस्कृति और सनातन धर्म को आगे बढ़ाते हुए पहाड़ के लोगो की आय के स्रोत के लिए साथ मिलकर काम करें।
यमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास गांव में आज प्राचीन लौहसिद्ध हनुमान मंदिर का स्थापना दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में मंदिर समिति की गौमुख गौशाला ने देश के पहली कृषि विश्विद्यालय जीबी पंत कृषि विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान केंद्र करनाल के तत्वाधान में किसान मेला का आयोजन किया।
यमकेश्वर के तल्ला बनास स्थित गोमुख गौशाला गढ़खाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में संकटमोचन लौहसिद्ध हनुमान जी की पूजा में शामिल के उपरांत कार्यक्रम का अनावरण किया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि संकटमोचन हनुमान के आशीर्वाद से पहाड़ के किसानों को सशक्त बनाने के लिए गौमुख गौशाला की इस पहल से हम अपनी संस्कृति और सनातन धर्म को आगे बढ़ाते हुए पहाड़ के लोगो की आय के स्रोत के लिए साथ मिलकर काम करें।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंतनगर विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान केंद्र करनाल के साथ गौमुख गौशाला एक मॉडल गौशाला बनेगी। इससे किसानों के कौशल में विकास होगा।
इस मेले में यमकेश्वर ब्लॉक के गांव से आये किसानों को राष्ट्रीय डेरी अनुसन्धान संस्थान गौशाला के लिए किट बाटेंगी, चरी के लिए बीज, मधुमखी पालन के बॉक्स और बकरियों को बांटेंगी। वहीं पंतनगर कृषि विश्विद्यालय किसानों को खेती के लिए बीज बांटेंगे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि किसान मेले का मुख्य उद्देश्य पहाड़ों के किसानों को प्रगतिशील बनाने के सपने को लेकर गौमुख गौशाला ने इस मुहिम की शुरुआत की है। मेले में पंतनगर के जीबी पन्त कृषि विश्विद्यालय और राष्टीय डेरी अनुसंधान संस्थान किसानो के उत्थान के लिए पहली बार साथ आये हैं।
किसान मेला में यंमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास, मल्ला बनास, कांडाखाल, किमसार से सैंकड़ों किसानों ने प्रतिभाग किया। जिन्हें आये स्रोत बढ़ाने के लिए पशुपालन, मधुमखी पालन और खेती से जीविका को बेहतर बनाने के लिए पंत नगर विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने निशुल्क बीज, मधुमखी और किट, कृषि से जुड़ी किट, वह बकरियों का अनुदान किया।
इस अवसर पर पंतनगर विश्वविधालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्था के निदेश डॉक्टर धीर सिंह, डॉ एसएस लठवाल, डॉ सरिता, डॉ दीप्ति चौधरी, डॉ नीलकंठ, चेतना नेगी आदि उपस्थित रहे।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *