समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल हमेशा तैयार – राकेश पाल

समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल हमेशा तैयार – राकेश पाल

भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना दो पोतों के साथ की गई थी। तटीय सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले इस बल का बेड़ा अब 157 जहाजों, 78 विमानों तक पहुंच चुका है तथा इसमें लगभग 16,045 कर्मचारी काम करते हैं।

भारतीय तटरक्षक अपने विशाल कार्य क्षेत्र में जो कि हमारे कुल थलीय क्षेत्र का लगभग 1.5 गुना है, में समुद्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी को निभाता आ रहा है। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा किये जा रहे अनेक कामों को लेकर भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल के साथ हिल मेल के संपादक वाई एस बिष्ट ने खास बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार से हैं :-

1. सबसे पहले आपको तटरक्षक बल के महानिदेशक बनने के लिए बहुत बहुत बधाई। आपके सामने तटरक्षक बल की क्या प्रमुख चुनौतियां हैं?

आपका हार्दिक धन्यवाद। मैं वास्तव में भारतीय तटरक्षक बल का कार्यभार संभालने पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, जो आज अपनी दक्षता, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और समुद्री तटों की निगरानी के लिए जगविदित है। समुद्रों के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए, नए युग की उभरती समुद्री चुनौतियों का समग्र रूप से सामना करना आवश्यक है।

मुझे ये पूर्ण विश्वास है कि एक दक्ष समुद्री सशस्त्र बल के रूप में, हम राष्ट्र के प्रति अपने निर्धारित कर्तव्यों के निर्वहन के लिए सज्ज हैं तथा हम समुद्री क्षेत्र में तटीय सुरक्षा, पर्यावरण व कानून प्रवर्तन संबंधी प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर व समर्पित है। इन कर्तव्यों को पूरा करने के लिए, मैं प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन के संतुलित समन्वय के साथ एक नवीनीकृत, आधुनिक, चुस्त और भविष्य में आने वाली प्रत्येक चुनौती के समाधान के लिए प्रतिबद्ध, भारतीय तटरक्षक बल की परिकल्पना करता हूं।

2. बल के मुखिया के तौर पर आप के क्या-क्या कार्य और जिम्मेदारियां प्रमुख रहेंगी?

भारतीय तटरक्षक बल के मुखिया के रूप में मेरा प्रमुख कर्त्तव्य तटरक्षक बल को हमारे कार्य क्षेत्र (सागर) में से उत्पन्न होने वाले हर प्राकृतिक या मानव निर्मित खतरों के प्रति सतर्क और तैयार रखना है, और इस दिशा में अपने दायित्व को पूरा करने और समुद्री क्षेत्रों में अपने राष्ट्रीय हितों को संरक्षित करने के लिए प्रतिदिन औसतन 45-50 पोत और लगभग 10-12 विमान हर पहर हमारे सागर व तटों की निगरानी के लिए तैनात रहते हैं। हमारा प्रयास रहा है, कि हम उपलब्ध संसाधनों से अपने सामुद्रिक हितों की सुरक्षा और हर उभरती चनौतियों के समाधान के प्रति सदैव तत्पर रहें।

157 जहाजों, 78 विमानों और लगभग 16,045 कर्मियों के साथ भारतीय तटरक्षक अपने विशाल कार्य क्षेत्र में जो कि हमारे कुल थलीय क्षेत्र का लगभग 1.5 गुना है, में समुद्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। आधुनिक और अपरंपरागत समुद्री चुनौतियां जैसे पारदेशीय आतंकवाद, प्रतिबंधित और मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध मानव प्रवास, सागरीय प्रदूषण, गैरकानूनी अथवा प्रतिबंधित मछली पकड़ना, प्रतिबंधित समुद्री प्रजातियों की अवैध तस्करी और निरंतर और असममित खतरों एवं कई अन्य प्रकार की चुनौतियों के त्वरित उत्तर के लिए तटरक्षक बल सदैव तत्पर रहे, यही मेरी सदैव सर्वोपरि प्राथमिकता रहेगी।

भारत सरकार की आत्मनिर्भरता की पहल, जो कि प्रत्येक क्षेत्र में 100 प्रतिशत स्वदेशीकरण की ओर अग्रेषित है और इसके संलगन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बेहद सकारात्मक कदम भी है। इस राष्ट्रीय दृष्टिकोण का अनुपालन करने और स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने के केंद्रित दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने हेतु, तटरक्षक मुख्यालय, नई दिल्ली में एक समर्पित निदेशालय (Directorate of Indigenisation) की स्थापना की गयी है, जो स्वदेशीकरण विचारधारा की सफलता के लिए निरंतर प्रयासरत है।

हमारे जवानों के उच्च मनोबल हेतु उनके कार्य क्षेत्र और आवासीय स्थिति में सुधार करना भी मेरी प्राथिमिकता की सूची में शामिल है। इसके लिए तटरक्षक बल की Infrastacture Development टीम को ओटीएम कॉम्पलेक्स, पारिवारिक आवाश, घाट, रनवे और प्रशिक्षण अकादमी के विकास कार्य को प्रमुखता सूची में रखने के निर्देश दिए गए हैं।
तटरक्षक बल में भारतीय उद्योगों द्वारा प्रदत्त रक्षा सामग्री एवं सेवाओं को अग्रसर करना भी मेरी प्रमुख प्राथमिकता है।

3. भारतीय तटरक्षक बल द्वारा समुद्री सीमा में हथियार और ड्रग्स पकड़े जा रहे है आप इसको रोकने के लिए क्या कदम उठाएंगे?

विगत वर्ष तस्करों के लिए अत्यंत कठिन रहा है, क्योंकि भारतीय तटरक्षक ने विभिन्न खुफिया सूचनाओं पर आधारित ऑपरेशनों में सफलतापूर्वक लगभग 623 किलोग्राम नशीले पदार्थों को जब्त किया है, जिनकी कीमत 1,276.5 करोड़ रुपये है। भारतीय तटरक्षक ने स्थापना से अभी तक कुल 15,103.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्यों की ड्रग्स को जब्त किया है। अंतरराष्ट्रीय अपराधों के सन्दर्भ में भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सर्वोपरि है।

लगभग 40 किलोग्राम नशीले पदार्थो, हथियारों और गोला-बारूद के साथ पाकिस्तानी नाव ‘अल-सोहिली’ की गिरफ्तारी के हालिया मामले ऐसे शत्रुतापूर्ण योजना के खिलाफ भारतीय तटरक्षक की मजबूत सुरक्षा व प्रतिक्रिया तंत्र का एक उदाहरण है। अंतरराष्ट्रीय अपराधों के सन्दर्भ में भारतीय तटरक्षक द्वारा अपनाई गई निगरानी व प्रतिक्रिया तंत्र के परिणाम स्वरूप, नशीली दवाओं और अवैध पदार्थो की निरंतर जब्तियां हुई।

हमारे समुद्री संसाधनों की रक्षा के उद्देश्य पूर्ति हेतु विभिन्न अभियानों के परिणाम स्वरूप लगभग 3,658 किलोग्राम अवैध सामुद्रिक जीवन संसाधनों को जब्त किया गया, जिनकी कीमत लगभग 15.5 करोड़ रुपये है। ये अवैध सामुद्रिक वन्य जीवन संसाधन, भारत में वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1952 के तहत प्रतिबंधित है।

पड़ोसी देशों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के प्रभावी समन्वय के साथ-साथ तटरक्षक की सागरीय सतर्कता के कारण, समुद्री मार्ग से मानव तस्करी तंत्र पर भी काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। इसके लिए सभी उपलब्ध आधुनिक संसाधनों के माध्यम से निरंतर निगरानी रखी जा रही है।

4. पिछले कुछ सालों में तटरक्षक बल की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताइये?

भारतीय तटरक्षक बल ने विगत कुछ वर्षों में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और विस्तार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रारम्भ में, भारतीय नौसेना के 02 जहाजों से बढ़कर, आज भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में अब 157 जहाज और 78 विमान शामिल हैं। भारतीय तटरक्षक बल अपनी निगरानी और परिचालन क्षमताओं में सुधार के लिए सक्रिय रूप से नए जहाजों का अधिग्रहण कर रहा है और अपने बेड़े के आधुनिकीकरण की ओर निरंतर अग्रसर है। इनमें अपतटीय गश्ती जहाज, तीव्र गश्ती जहाज, इंटरसेप्टर नावें और एएलएच ध्रुव जैसे हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

इन विकसित संसाधनों की मदद से विस्तृत सागरीय क्षेत्र में पहुंच बनाने, अधिक कुशल खोज और बचाव अभियान चलाने में भारतीय तटरक्षक बल को अधिक सक्षम बनाया है। भारतीय तटरक्षक बल ने एक व्यापक तटीय निगरानी नेटवर्क स्थापित किया है, जिसमें रडार स्टेशन, तटीय रडार, स्वचालित पहचान प्रणाली और स्टेटिक सेंसर की श्रृंखला शामिल है। यह नेटवर्क तट पर जहाजों की गतिविधियों और संदिग्ध गतिविधियों की वास्तविक समय पर निगरानी करने में निरंतर एवं अविलम्ब सहायता करता है, जिससे किसी भी संभावित खतरे पर तेजी से प्रतिक्रिया संभव हो पाती है।

5. भारतीय तटरक्षक बल के 46 साल पूरे होने पर अपने कर्मियों और युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं?

अपनी स्थापना के बाद से, भारतीय तटरक्षक बल एक परिपक्व और सक्षम बल के रूप में विकसित हुआ है, जो अनिवार्य कार्यों को धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ निष्पादित करता है, जिसके लिए ‘समन्वय व नवीनीकरण’ निस्संदेह सार रहे हैं। इसलिए, सेवा के रैंक और फाइल के लिए मेरा संदेश है, ’हमें सौंपे गए प्रत्येक कार्य में मानक स्थापित करना जारी रखें और सभी लक्ष्यों को तत्परता और शिष्टता के साथ पूरा करें।

एक पेशेवर बल के रूप में, तटरक्षक बल को हमारे लक्ष्यों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए उत्तरोतर शिखरों को पाना जारी रखना चाहिए, जिससे राष्ट्र को विकास व सुरक्षा में सम्पूर्ण योगदान दिया जा सके, साथ ही किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ रहना चाहिए और हमारी कार्य क्षेत्र में हमारी उपस्थिति को ’यत्र… तत्र… सर्वत्र’ महसूस कराना आवश्यक एवं सर्वोत्क्रिष्ट है।

जय हिन्द, वयम् रक्षामः।

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