लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड के 10 जिलों में 59360 लोग अपने गांवों की ओर लौटे हैं। सबसे ज्यादा पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी, चंपावत और पिथौरागढ़ में लोगों की वापसी हुई है। सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें से करीब 30 फीसदी लोग अब दोबारा शहरों का रुख नहीं करना चाहते।
कोरोना महामारी के फैलने और देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही उत्तराखंड में प्रवासियों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया था। लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड के 10 जिलों के 59360 लोग अपने गांवों की ओर लौटे हैं। सबसे ज्यादा पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी, चंपावत और पिथौरागढ़ में लोगों की वापसी हुई है। इनमें 65 फीसदी देश के विभिन्न राज्यों, 30 फीसदी उत्तराखंड के शहरी इलाकों और पांच फीसद लोग विदेश से लौटे हैं। राज्य पलायन आयोग की मानें तो इनमें से 30 फीसद ने लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने के बाद गांव में ही रुकने की इच्छा जताई है।
पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के गांवों में लॉकडाउन एक नई उम्मीद बनकर आया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के निर्देश पर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लौटकर आए 30 फीसदी लोगों ने लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने के बाद भी गांव में ही रुकने की इच्छा जताई है।
लॉकडाउन खुलने के बाद भी होगी प्रवासियों की घर वापसी
पलायन आयोग ने जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से लॉकडाउन के बाद लौटकर आए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई। साथ ही प्रवासियों से फोन, ई-मेल, वाट्सएप के जरिये संपर्क साधा। उनसे बातचीत के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासी अपने गांव लौट सकते हैं। पलायन आयोग ने गावों में रुकने के इच्छुक लोगों के आर्थिक पुनर्वास के लिए कदम उठाने समेत कई सुझाव सरकार को दिए हैं।
बुधवार को पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें यह रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने सीएम रावत को रिपोर्ट में शामिल बिदुओं और सुझावों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिवर्स पलायन के बाद हालात बदलेंगे। गर्मियों में पर्यटन से होने वाली आय पर असर पड़ेगा तो वेलनेस सेक्टर का प्रभावित होना तय है। रिवर्स पलायन के बाद पहाड़ में प्रतिव्यक्ति आय में कमी आ सकती है। इसे देखते हुए प्रवासियों के आर्थिक पुनर्वास को अभियान चलाने की जरूरत है। रिपोर्ट में हेल्पलाइन, ब्लॉक व जिला स्तर पर यूनिट समेत कई अहम सुझाव दिए गए हैं।
सीएम त्रिवेंद्र ने दिए हैं योजना बनाने के निर्देश
रिवर्स माइग्रेशन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्राथमकिता वाले विषयों में रहा है। उनका जोर है कि पलायन कर चुके लोग अपने गांवों की ओर लौटें। वह पहले ही कह चुके हैं कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉकडाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है। इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जिलों में इसका ध्यान रखेंगे। बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए, हमारे सामने इसकी भी चुनौती है। उन्होंने कहा है कि बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं। ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी पलायन आयोग को दी गई। यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में यह कारगर प्रयास होगा।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी का मानना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद जो प्रवासी यहां रुकना चाहेंगे, वे क्या कर सकते हैं, इसके लिए कार्ययोजना बनानी जरूरी है। सरकार को उन्हें अपना काम-धंधा शुरू करने के लिए कुछ रियायत तो देनी ही होगी। इससे वे गांव में तो रुकेंगे ही, साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान भी देंगे।
4 comments
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Jagdeep Singh Butola
April 24, 2020, 7:24 amकरोना वाइरस की महामारी की डर से देश ही नही विदेशों से भी कई प्रवासियों ने अपने पहाड़ के लिये कूच किया है , और जब यह लॉक डाउन खुलेगा तो यहां कोई ग्रांटी नही कि लोगों के उद्योगधंधे को वापस पटरी पर आने के लिये कितना वक्त लगेगा , यह जितना दुःख है उतना एक खुशी भी है कि लोग भारी संख्या में उत्तराखंड लौटे हैं , अब यदि सभी मूलभूत सुविधाएं अपने पहाड़ में उपलब्ध हो जाय तो पलायन जो कि एक बहुत बडी समस्या थी गढ़वाल की वह किसी हद तक हल हो सकती है , जो की अछा साइन है प्रदेश के लिये । जय उत्तराखंड ।
REPLYधन्यवाद!
Sanjay Rawat
April 24, 2020, 9:52 amVery well written Arjun Bhai…
Regards
REPLYSanju
गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने की तैयारी कर रहे उत्तराखंड के युवाओं के लिए सेना ने दिया अपडेट - Hill-Mail
April 24, 2020, 12:32 pm[…] पहाड़ों के लिए 'वरदान' बना लॉकडाउन! अब ग… […]
REPLYPushhkar Singh adhikari
April 28, 2020, 10:55 amNeed a job
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