रंगभरी एकादशी पर रामनगरी के साधु-संत अपने इष्ट देव भगवान राम व उनके परम भक्त हनुमंत लला के साथ होली के रंग में रंग गए हैं। इस बार रंगोत्सव के उल्लास में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी भी बयां हो रही है। मंदिरों में साधु-संतों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर आराध्य संग होली खेलकर रंगोत्सव की मुनादी की।
रंगभरी एकादशी पर्व पर परंपरागत रूप से सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में सर्वप्रथम हनुमान जी महाराज का विधिवत पूजन-अर्चन व शृंगार के बाद अबीर-गुलाल लगाया गया फिर हनुमान जी के निशान व छड़ी की पूजा-आरती की गई। नागा साधुओं ने अपने आराध्य हनुमंतलला को अबीर-गुलाल चढ़ाकर श्रद्धा निवेदित करने के बाद शोभायात्रा निकाली।
संतों ने हनुमंतलला को अबीरगुलाल अर्पित कर रामनगरी में रंगोत्सव के आगाज की अनुमति मांगी। इस दौरान मंदिर में मौजूद श्रद्धालु आराध्य की भक्ति में लीन नजर आए। जमकर अबीर-गुलाल उड़ा तो संतों के संग भक्त भी आस्था में मग्न होकर नृत्य करते दिखे। उसके बाद नागा साधुओं की टोली सड़कों पर निकली, संतों ने ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया, विभिन्न करतब भी दिखाए। रास्ते में जो मिला उसे अबीर-गुलाल लगाया इसे लोग हनुमान जी का प्रसाद समझकर आनंदित होते रहे।
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