बद्रीनाथ जाने वाला रास्ता खुला, भूस्खलन के कारण रास्ता हो गया था बंद

बद्रीनाथ जाने वाला रास्ता खुला, भूस्खलन के कारण रास्ता हो गया था बंद

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का जन सैलाब देखने को मिल रहा है। आज सुबह लगभग 7 बजे बद्रीनाथ हाईवे पर भूस्खलन होने की खबर आई थी। बताया जा रहा है कि ये भूस्खलन बाजपुल चाडा पिनौला व टैयापुल के पास हुआ था। जिससे हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिससे रास्ता बंद हो गया। इस दौरान हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। बताया जा रहा है कि यात्री भूखे-प्यासे सड़क पर बैठे हुए है। प्रशासन ने इस बात का तुरंत संज्ञान लिया और रास्ते को जल्दी से जल्दी खोलने के लिए काम शुरू किया और बताया जा रहा है कि अब यह रास्ता खुल गया है।

उत्तराखंड में मौसम बदलने के कारण कई जगहों पर बारिश और बर्फबारी हो रही है। जिसके कारण कई मार्गों पर पहाड़ी से मलबा गिर जाता है। इसी कड़ी में बद्रीनाथ हाईवे चमोली के पास चट्टान टूटने से चाडा में बंद हो गया था। सड़क खुलने तक पुलिस ने बद्रीनाथ आने-जाने वाले यात्रियों के बड़े वाहनों को नंदप्रयाग और बिरही में रोका गया था। यहां पानी व खाने की व्यवस्था न होने से यात्री भूखे प्यासे ही रास्ते पर बैठे थे। यात्रियों ने बताया कि जिस स्थान पर रास्ता बंद हुआ है उसके आसपास खाने पीने की कोई दुकान नहीं है जिसके कारण यात्रियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है था खाने पीने की चीजों को तीन-चार किलोमीटर दूर से जाया जा रहा है।

रास्ता बंद होने के कारण छोटे वाहनों की वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही करवाई जा रही है। चमोली बाजार से आगे यात्रा वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग-सेकोट-कोठियालसेन सड़क से की जा रही है। इस सड़क पर बार-बार जाम लग रहा है, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं सड़क खोलने का कार्य जारी, पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। हाईवे बंद होने से तीर्थ यात्री परेशान हुए।

बदरीनाथ धाम में शनिवार को लगभग 10,000 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किए। अभी तक लगभग 25 हजार से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। वहीं, बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा के मुख्य पड़ाव पीपलकोटी में शौचालय और पेयजल का अभाव बना है जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी महिला तीर्थयात्रियों को उठानी पड़ रही है।

चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रशासन ने हिदायत दी है कि वह चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाईन पंजीकरण अनिवार्य रूप से करें। यात्रा के दौरान अपने वाहन को निर्धारित गति से चलायें। पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सरकार की मदद करें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात न करें। चारधाम यात्रा के दौरान पालीथीन का प्रयोग न करें। ये कुछ बातें है जिन पर यात्रियों को विशेष ध्यान देना चाहिए।

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