‘गंगा विचार मंच’ और ‘जिला गंगा समिति उत्तरकाशी’ के संयुक्त तत्वाधान में आजकल मां गंगा जी के धाम गंगोत्री में वृहद स्वछता अभियान चलाया जा रहा है और देवदार के पौधों का रोपण कार्य भी किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत जलशक्ति मंत्रालय के कार्यक्रम ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ में ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता’ थीम के साथ मां गंगा जी के बहाव वाले पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में स्वछता अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत उत्तरकाशी जिले में भी गंगा विचार मंच उत्तराखंड और जिला गंगा समिति उत्तरकाशी के बैनर तले गंगा मां के उदगम गंगोत्री तीर्थ के साथ साथ मां गंगा जी के किनारों पर बसे शहरों, कस्बों में वृहद स्वछता अभियान चलाया जा रहा है। मां गंगा जी के उदगम गंगोत्री में भी स्वछता अभियान और वृक्षारोपण का अभियान चलाया जा रहा है।
गंगोत्री में ही क्यों व्यथित हैं मां गंगा ?
मां गंगा के धाम गंगोत्री में जहां बड़ी संख्या में श्रधालु महिलाएं मां गंगा जी में वस्त्र आदि प्रवाहित कर मां गंगा को उसके ही उदगम में मैला करने का काम कर रहे हैं। इस समस्या पर मंत्रालय व लोगों का ध्यान आकर्षित करने के साथ साथ हमने समस्या का हल ढूंढने के प्रयास किया है। गौरतलब है कि गंगोत्री में कपाट खुलने से लेकर 2 महीनों तक प्रत्येक दिन में 10 से 15 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। जबकि यात्रा के अन्याहीनों में यह संख्या थोड़ा घाट जाति है। गंगोत्री पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में से नब्बे फीसदी टेर्थयात्री लोग मां गंगा में पवित्र स्नान करते हैं। बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों द्वारा मां गंगा जी को नए नए वस्त्र और श्रृंगार का सामान चूड़ी बिंदी लिपिस्टिक, सीसा, काजल, कंघी आदि आदि भेंट किया जाता है और मां गंगा जी की धारा में बह दिया जाता है। ये इन श्रद्धालुओं का विश्वास है कि उन्होंने मां गंगा जी को वस्त्र श्रृंगार भेंट कर पुण्य कमाया है। लेकिन इन सब दान किए गए आभूषणों, वस्त्रों से मां गंगा जी प्रसन्न नहीं अपितु व्यथित होती हैं।
दुःखद पहलू ये है कि महिला तीर्थयात्रियों द्वारा बड़ी संख्या में मां गंगा में श्रृंगार व वस्त्र धोती साड़ी मां गंगा में भेंट (प्रवाहित) की जा रही हैं। गौरतलब है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां गंगा जी में पवित्र समान के बाद अपने पुराने कपड़े, अंडरगारमेंट सभी कुछ मां गंगा जी के तट पर छोड़ जाते हैं या फिर मां गंगा जी की धारा में आगे बहा देते हैं विसर्जित कर देते हैं।
गंगा में पूजा सामाग्री न बहाने की अपील
गंगा विचार मंच उत्तराखंड के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट पिछले 10 वर्षों से मां गंगा जी के उदगम गंगोत्री में हर महीने मां गंगा जी की जलधारा में फंसे इन्ही पुराने नए वस्त्रों को एकत्रित करने का अभियान निरंतर चला रहे हैं। गंगा स्वछता के इस महत्वपूर्ण अभियान में जिला गंगा समिति, गंगोत्री मंदिर समिति, नगर पंचायत गंगोत्री, वन विभाग, पुलिस विभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क, बीआरओ के जवान, आईटीबीपी के जवान और स्वयं सेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता, अधिकारी कर्मचारी हिस्सा लेते हैं। गंगा विचार मंच और जिला गंगा समिति उत्तरकाशी के द्वारा मां गंगा के धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील के साथ साथ मां गंगा में किसी भी तरह के वस्त्र, पूजा, श्रृंगार सामग्री न बहाने की अपील के साथ सूचना पट्ट भी लगाए गए हैं।
गंगा विचार मंच उत्तराखंड के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि श्रद्धालुओं द्वारा मां गंगा जी की जलधारा में इस तरह के व्यवहार से मां गंगा में प्रदूषण ही बढ़ता है। मां गंगा जी में आपके द्वारा मां गंगा की धारा में प्रवाहित किये वस्त्रों, पूजा व श्रृंगार सामग्री से मां गंगा जी खुश नहीं अपितु व्यथित ही होती हैं। इन वस्त्रों से मां का श्रृंगार खूबसूरत होने के बजाय बदरंग ही होता है। आप जो कुछ भी वस्तुएं, पूजा, श्रृंगार व वस्त्र धोती कुर्ता साड़ी, चूड़ी बिंदी लिपिस्टिक सीसा काजल कंघी भेंट करना चाहते हैं तो मां गंगा के मुख्य मंदिर गंगोत्री मंदिर में ही चढाएं या फिर किसी जरूरत मंद लोगों को भेंट करें। गंगा विचार मंच का कहां है कि मां गंगा आपके द्वारा जरूरतमंद लोगों व मुख्य मंदिर में दान किये वस्त्रों के बाद आपको असीम प्यार, आशीर्वाद व आशीष देंगी।
स्वछता के साथ वृक्षारोपण पर ध्यान
गौरतलब है कि गंगोत्री तीर्थ में श्रद्धालु बड़ी संख्या में मां गंगा जी में नए वस्त्र भेंट करतें हैं, साथ ही पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु लोग पुराने वस्त्र भी गंगा तट पर ही छोड़ जाते हैं। गंगा विचार मंच के कार्यकर्ता पिछले 10 वर्षो से गंगोत्री में गंगा जी की जलधारा से नए पुराने वस्त्रों को एकत्रित करने का अभियान लगातार चलाते आ रहे हैं। गंगा विचार मंच उत्तराखंड के प्रांत संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत मां गंगा जी की स्वच्छता के लिए मां गंगा के मायके गंगोत्री से ही स्वछता अभियान के साथ साथ वृक्षारोपण पर ध्यान देना होगा।
स्वछता को स्वभाव और संस्कार में अपनाने की जरूरत है। स्वच्छता से ही ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है’ इसलिए देश और नदियों को स्वस्थ और स्वच्छ रखने की आवश्यकता है। गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंजर प्रदीप बिष्ट ने कहा कि मां गंगा जी के उदगम गोमुख से लेकर गंगोत्री तक 18 किलोमीटर पैदल ट्रेक में प्रत्येक 20 दिन में स्वछता अभियान चलाया जाता है। गोमुख जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से 500 रुपए लिए जाते हैं और लौटने पर पर्यटकों द्वारा स्वयं का कूड़ा वापिस लाने पर उन्हें उनका 500 रुपए वापिस किया जाता है। वन विभाग के गंगोत्री के रेंजर यशवंत सिंह चौहान का कहना है कि गंगा के बहाव वाले क्षेत्र में वृक्षारोपण से निर्मल गंगा अविरल गंगा की अवधारणा पूरी होती है।
नगर पंचायत गंगोत्री की अधिशासी अधिकारी कुसुम राणा का कहां है कि नगर पंचायत गंगोत्री प्रत्येक दिन गंगोत्री में स्वछता अभियान चलाया है। गंगा से एकत्रित किए गए पुराने नए वस्त्रों से दरी आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। स्वच्छता ही सेवा अभियान से प्रेरित होकर आज अधिकारियों कर्मचारियों वा गंगा विचार मंच के लोगों ने स्वच्छता संदेशों को जन-जन तक पहुंचाकर हर तरफ स्वच्छता के वातावरण का निर्माण कराने की दिशा में कदम बढ़ाने का आवाह्न भी किया। इस दौरान मां गंगा एवं पर्यावरण संरक्षण से श्रद्धालुओं और लोगों को अवगत कराया।
पीएम ने पेश की स्वच्छता की मिशाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों से देश और नदियों की स्वछता के लिए अभियान चलाकर स्वच्छता की जो मशाल पेश की है, उसे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सभी नागरिकों को सभी गांव, सभी शहरों कस्बों तक स्वच्छता की अलख जगानी होगी। हम लोगों को स्वच्छता को रोज की दिनचर्या में शामिल करना होगा, जिससे ‘स्वच्छ और स्वस्थ भारत’ का निर्माण हो।
अब आवश्यकता है कि हम सभी को स्वच्छ भारत और नये स्वच्छ भारत के निर्माण में भागीदार बनना होगा। आज के स्वछता अभियान में गंगा विचार मंच उत्तराखंड के कार्यकर्ता, नगर पंचायत गंगोत्री, वन विभाग उत्तरकाशी, गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। स्वच्छता अभियान में गंगोत्री नेशनल पार्क, गंगा विचार मंच के गजेंद्र बिष्ट, प्रवेश सिंह, विकास, राहुल आदि उपस्थित रहे।
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